वैक्सीन मिले तब तो बढ़े टीकाकरण की रफ्तार

कोरोना से बचाव के लिए चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान जिले में रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। 131 टीकाकरण केंद्र पर अभी तक महज 191362 लोगों का ही टीकाकरण किया जा सका है। जबकि जिले की आबादी 25 लाख से ऊपर है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 10:17 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 10:17 PM (IST)
वैक्सीन मिले तब तो बढ़े टीकाकरण की रफ्तार
वैक्सीन मिले तब तो बढ़े टीकाकरण की रफ्तार

सिद्धार्थनगर: कोरोना से बचाव के लिए चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान जिले में रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। 131 टीकाकरण केंद्र पर अभी तक महज 1,91,362 लोगों का ही टीकाकरण किया जा सका है। जबकि जिले की आबादी 25 लाख से ऊपर है। जिसमें से 45 वर्ष से ऊपर के उम्र के लोग ही शामिल हैं। अभी तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू नहीं हो सका है। अगर देखा जाए तो आबादी का एक चौथाई हिस्सा अभी अभी तक टीकाकरण से आच्छादित नहीं हो सका है।

जिले के सभी 14सीएचसी, सीएचसी पीएचसी के अलावा नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सभी ब्लाकों में कम से कम छह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को भी टीकाकरण केंद्र बनाया गया है, जहां पर 45 वर्ष से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रथम चरण में 18761 हेल्थ वर्कर को तथा 13771 फ्रंट लाइन वर्कर का टीकाकरण पूर्ण किया जा चुका है। जबकि 45 वर्ष से ऊपर के 156512 नागरिकों का टीकाकरण किया जा चुका है। जिले में अभी तक 191362 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। जिसमें (प्रथम डोज-160893, द्वितीय डोज-28151) गुरुवार को हुए टीकाकरण का आंकड़ा शामिल नहीं है।

नहीं उपलब्ध हो पा रही वैक्सीन

जिले में वैक्सीन की उपलब्धता भी टीकाकरण अभियान में ब्रेक लगा रहा है। राज्य स्तर से पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं मिलने के कारण टीकाकरण अभियान प्रभावित हो रहा है। 13100 डोज रोज चाहिए। लेकिन करीब दो हजार लोगों को ही रोज टीका लग पा रहा है। मांग के अनुसार ब्लाकों में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। जिसके कारण जोर पकडा टीकाकरण अभियान धीमा हो गया है। कई बार तो वैक्सीन के अभाव में टीकाकरण सत्र का आयोजन ही नहीं किया जा सका। जिसके कारण लोगों को नियमित टीकाकरण को लेकर भ्रम की स्थिति होने के कारण लोगों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा है।

डिप्टी सीएमओ सिद्धार्थनगर डा. सौरभ चतुर्वेदी ने कहा कि जरूरत के अनुसार वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसके चलते टीकाकरण अभियान में तेजी नहीं लाई जा सकी है। जैसे ही वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ती है, टीकाकरण का रफ्तार भी बढ़ जाएगी।

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