व्रत रख माताएं कीं संतान के दीर्घायु की कामना

माताओं ने शनिवार को हलषष्ठी (तिनछठ) का निराजल व्रत रखा। कुश की पूजा कर संतान के दीर्घायु होने की प्रार्थना की। हलषष्ठी मां की कथा सुनाई। मान्यता के अनुसार मिट्टी के बर्तन व महुआ के पत्ते पर तिन्नी का चावल महुआ तिन्नी के चावल से बना पूड़ी दही मिष्ठान आदि का भोग लगाया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 11:36 PM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 11:36 PM (IST)
व्रत रख माताएं कीं संतान के दीर्घायु की कामना
व्रत रख माताएं कीं संतान के दीर्घायु की कामना

सिद्धार्थनगर : माताओं ने शनिवार को हलषष्ठी (तिनछठ) का निराजल व्रत रखा। कुश की पूजा कर संतान के दीर्घायु होने की प्रार्थना की। हलषष्ठी मां की कथा सुनाई। मान्यता के अनुसार मिट्टी के बर्तन व महुआ के पत्ते पर तिन्नी का चावल, महुआ, तिन्नी के चावल से बना पूड़ी, दही, मिष्ठान आदि का भोग लगाया।

इंदिरानगर कालोनी स्थित जीजीआइसी परिसर में लगे कुश के पौधों की पूजा करने के लिए श्रद्धालु महिलाएं जुटने लगी। कुश की पूजा कर परिक्रमा किया। माताओं ने पुत्रों को नया पीला वस्त्र पहना टीका लगाया। ईश्वर से लंबी उम्र, खुशहाली व सुख समृद्धि की कामना की। शोहरतगढ़ के शिवबाबा घाट व गड़ाकुल पोखरा पर श्रद्धालु महिलाओं ने व्रत रख कुश की पूजा की। मीरा, सुनीता, इंद्रावती, सोनी, फूलमती, सविता, किरन आदि महिलाओं ने कहा कि हलषष्ठी व्रत पार्वती मां का एक रूप है। माता पार्वती ने इस दिन व्रत रहकर शिव से अपने पुत्र गणेश के दीर्घायु का वरदान मांगा था।

व्रती महिलाएं दोपहर बाद बिना हल चलाए खेतों में उगे फसल तिन्नी चावल, चौराई साग, मिर्च व दही खाकर पारण किया। लोटन कस्बा में श्रद्धालु महिलाओं ने कुश का पूजन-अर्चन किया। क्षेत्र के लोटन, बनियाडीह, अजान, पननी, सिकरी, खखरा बुजर्ग आदि गांवों में भी महिलाओं ने कुश का पूजन किया।

महिलाओं ने की हलषष्ठी पूजा

जासं, बांसी : संतान के सुख-समृद्धि व चिरायु की कामना के लिए महिलाओं ने षष्ठी मइया का पूजन किया। पुत्रों के लिए रखे जाने वाले इस व्रत पर क्षेत्र के सभी स्थानों पर महिलाओं ने बिना जोते-बोए स्थान पर लगे कुश की पूजा कर मंगल कामना की है।

खेसरहा ब्लाक के पीढिया स्थित पीढेश्वर बाबा मंदिर पर सौ से अधिक महिलाओं ने पूजन किया। तिलौली गांव के प्राचीन पोखरे पर भी पूजन करने के लिए गांव के महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। इस दौरान सुमन, विभा, सुनीता, लक्ष्मी देवी आदि मंगलगीत गाए और हलषष्ठी की प्रचलित कहानियों को व्रती महिलाओं को सुनाया इसी प्रकार गोल्हौरा, घोसियारी, चेतिया, मिठवल, पथरा, सकारपार, डिड़ई आदि स्थानों सहित नगर के शीतलगंज पोखरे पर भी महिलाओं ने पूजन अर्चन किया।

chat bot
आपका साथी