सती चरित्र का वर्णन सुन श्रोता भाव-विभोर

क्षेत्र के सेखुई ताज ग्राम सभा के सादीजोत स्थित बाबा बालेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित नौ दिवसीय श्री रूद्र महायज्ञ के दूसरे दिन कथावाचक द्वारा सती चरित्र का वर्णन सुंदर ढंग से किया गया। जिसको सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो उठे। शिव की सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 May 2019 10:17 PM (IST) Updated:Mon, 20 May 2019 10:17 PM (IST)
सती चरित्र का वर्णन सुन श्रोता भाव-विभोर
सती चरित्र का वर्णन सुन श्रोता भाव-विभोर

सिद्धार्थनगर : क्षेत्र के सेखुई ताज ग्राम सभा के सादीजोत स्थित बाबा बालेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित नौ दिवसीय श्री रूद्र महायज्ञ के दूसरे दिन कथावाचक द्वारा सती चरित्र का वर्णन सुंदर ढंग से किया गया। जिसको सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो उठे। शिव की सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई।

कथावाचक मानस चंचल ने कथा सुनाते हुए कहा कि एक बार सती के पिता ने यज्ञ किया। उन्होंने भगवान शिव को निमंत्रण नहीं दिया। सती ने भगवान से जिद कर यज्ञ में जाने की आज्ञा मांगी। वहां पर अपने पति का अनादर होते देख कर उन्होंने यज्ञशाला में अपने प्राण की आहुति दे दी। इसके बाद भगवान शिव ने सती के शव को लेकर ब्राह्मंड में भ्रमण शुरू कर दिया। भगवान विष्णु ने उन्हें वियोग से बाहर लाने के लिए सती के शव को सुदर्शन चक्र से कई टुकड़ों में बांट दिया। जहां-जहां टुकड़े गिरे वहां पर आज शक्तिपीठ स्थापित है। उन्होंने भक्तों से अहंकार त्यागने का आह्वान किया। यज्ञ संचालक महंत हनुमान दास नागा, पं. दुर्गा प्रसाद, अवधेश कुमार, मनोज पाण्डेय, त्रिलोकी, बलराम त्रिपाठी, नन्दलाल, राम सिंह पाल, अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।

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