व्रतधारियों की बढ़ी मुश्किल, फलों के दाम बढ़े
नवरात्रि और रमजान साथ- साथ पड़ने की वजह से फलों के दामों में जबरदस्त उछाल आया है। सबसे अहम बात यह है कि फलों के थोक व फुटकर भाव में काफी अंतर है जिसका असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है। खीरा तरबूज जैसी स्थानीय फसल भी महंगे दामों पर बिक रहे हैं।
सिद्धार्थनगर : नवरात्रि और रमजान साथ- साथ पड़ने की वजह से फलों के दामों में जबरदस्त उछाल आया है। सबसे अहम बात यह है कि फलों के थोक व फुटकर भाव में काफी अंतर है, जिसका असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है। खीरा, तरबूज जैसी स्थानीय फसल भी महंगे दामों पर बिक रहे हैं।
हिदू और मुस्लिम दोनों धर्मावलंबी इस समय अपनी मान्यताओं के अनुसार उपवास रख रहे हैं। जिसके चलते फलाहार में प्रयुक्त होने वाले सामग्रियों के रेट बढ़ गए हैं। मार्च महीने तक 80 रुपये किलो की दर से बिकने वाला अंगूर 140 रुपये किलो तक जा पहुंचा है। इसी प्रकार 30 रुपये किलो बिकने वाला केला 55 से साठ रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है। तिन्नी चावल 250 रुपये किलो फुटकर में बिक रहा है। फलाहार के बढ़े रेट से लोग परेशान हैं। रंजना द्विवेदी कहती हैं कि फलों के रेट हर व्रत, त्योहार के दौरान बढ़ जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ फलों के रेट लगभग तीस फीसदी तक बढ़े हैं। इससे परेशानी बढ़ी है। दाऊ जी कहते हैं कि नवरात्रि व्रत हर घर में कोई न कोई सदस्य रहते हैं। ऐसे में नौ दिन तक फल और फलाहार की वस्तुएं खरीदनी पड़ती हैं। बढ़े रेट से जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। दुर्गेश कुमार का कहना है कि यह कारोबारियों की मिलीभगत है। जैसे ही किसी चीज की डिमांड बढ़ती है मूल्य भी बेतहाशा बढ़ जाते हैं। प्रशासन को इसपर लगाम कसने की जरूरत है। प्रिस मिश्रा कहते हैं कि थोक मार्केट में फलों के रेट में मामूली बढ़ोतरी हुई है, लेकिन फुटकर विक्रेता मनमानी पर उतारू हैं और मंहगे रेट पर बिक्री कर रहे हैं।
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वस्तु थोक- फुटकर
संतरा- 100-140 रुपये
केला- 30-50 रुपये
अंगूर- 100-140 रुपये
अनार- 130-180 रुपये
सेब- 150- 200 रुपये
पपीता- 35- 65 रुपये
तरबूज- 40 - 75 रुपये
खीरा - 10 - 18 रुपये