लो-वोल्टेज व अघोषित कटौती से बढ़ी परेशानी

बारिश का मौसम शबाब पर आते ही गर्मी के साथ उमस बढ़ गई है। इसके साथ विद्युत विभाग की कमियां भी उजागर होने लगी हैं। हल्की बरसात व हवा क्या शुरू होती है कि बिजली का दर्शन मुश्किल हो जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 11:07 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 11:07 PM (IST)
लो-वोल्टेज व अघोषित कटौती से बढ़ी परेशानी
लो-वोल्टेज व अघोषित कटौती से बढ़ी परेशानी

सिद्धार्थनगर : बारिश का मौसम शबाब पर आते ही गर्मी के साथ उमस बढ़ गई है। इसके साथ विद्युत विभाग की कमियां भी उजागर होने लगी हैं। हल्की बरसात व हवा क्या शुरू होती है, कि बिजली का दर्शन मुश्किल हो जाता है। राम तेज, महेश कुमार, हरिओम, अब्दुल हक, मोबीन, राजेश कुमार आदि ने शेड्यूल के हिसाब सुचारू बिजली सप्लाई सुनिश्चित कराने की मांग विभागीय अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों से की है। अधिशाषी अभियंता राम मूरत ने कहा कि ओवर लोड के कारण अघोषित कटौती की समस्या आ रही है। जिसे समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण जनक प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण अंचलों में बिजली आपूर्ति का शेड्यूल 18 घंटा है। लेकिन अघोषित कटौती के कारण बिजली शेड्यूल क्या है, इसका कोई मतलब नही रह गया है। लो-वोल्टेज के कारण पंखा बड़ी मुश्किल से चल पाता है। उमस व गर्मी इतनी अधिक होती है, सुकून छिना रहता है। चौरामाफी के आलोक पांडेय ने कहा कि बिजली राहत दे सकती है, परंतु इन दिनों वह भी हर किसी को रुलाने का काम कर रही है। रात ही नहीं दिन में भी बिजली की खराब व्यवस्था बनी रहती है। उमस भरी गर्मी में सभी परेशान रहते हैं, परंतु जिम्मेदार अनजान बने बैठे हैं।

फूलचंद ने कहा कि क्षेत्र के रसूलपुर, कूड़ी, बघमरा, महोखवा, चौरमाफि, बनगाई, सुकरौली, चकमझारी, उपधि खुर्द, परसा, औराताल, भलुवाही समेत दर्जनों ऐसे गांवों है, जहां बिजली रोस्टर पूरी तरह बेमतलब साबित हो रहा है। गर्मी व रात के अंधेरे के बीच विद्युत कटौती व लो- वोल्टेज से लोगों की नींदें हराम रहती हैं। जैसे ही रात शुरू होती है,बिजली की आवाजाही शुरू हो जाती है। औराताल शकील अहमद ने कहा कि लोकल फाल्ट के अलावा लो वोल्टेज व अघोषित कटौती समस्या हर किसी के लिए मुसीबत पैदा कर रही है। कहने को तो ग्रामीण अंचल में 18 घंटे का बिजली शेड्यूल चल रहा है, परंतु दस घंटे भी नियमित आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। रात में जब बिजली कटती है तो खास कर महिलाओं और छोटे - छोटे बच्चों को बड़ी परेशानी होती है।

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