गोशालाओं में मानक से अधिक रखे गए हैं बेसहारा पशु
सरकार गोशालाओं में बेसहारा पशुओं के रखा-रखाव के लिए करोड़ो रुपये खर्च कर रही है लेकिन इस योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से नहीं हो पा रहा है। चारा के नाम पर इन्हें पर्याप्त भूसा व हरा चारा नहीं मिल रहा है।
सिद्धार्थनगर: सरकार गोशालाओं में बेसहारा पशुओं के रखा-रखाव के लिए करोड़ो रुपये खर्च कर रही है, लेकिन इस योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से नहीं हो पा रहा है। चारा के नाम पर इन्हें पर्याप्त भूसा व हरा चारा नहीं मिल रहा है। गोशाला में मानक से अधिक पशु रखे गए हैं।
सियांव नानकार के गोशाला में करीब 340 पशु मिले। इनकी देखरेख के लिए दस मजदूर रखे गए हैं। टिन सेड, नाद पर्याप्त नहीं है। नया बनवाया जा रहा है। बगल में दूसरे की बोरिग से गोशाला के पानी की जरूरत पूरी की जाती है। इनके पास अपने पानी की व्यवस्था नहीं है। बगल बने मकान में बोरी में पौष्टिक पशु आहार व सूखा भूसा रखा गया था। मजदूर जयप्रकाश ने बताया कि हम लोगों की मजदूरी समय से नहीं मिल पाती है। जिससे बहुत परेशानी होती है। यहां सोलर लाइट नहीं लगा है। रात में बिजली से चले जाने पर गोशाला अंधेरे में डूब जाता है। प्रधान प्रतिनिधि रामधारी प्रसाद त्यागी ने बताया कि हमको 340 पशु के सापेक्ष 183 पशु के रखरखाव का पैसा मिल रहा है। आधा दर्जन पशु बीमार हैं। मजदूरों को मजदूरी देने में बहुत परेशानी होती है।
मस्जिदिया गोशाला की व्यवस्था ठीक मिली। 60 पशु रखे गए हैं। तीन नाद बनाया गया है। प्रकाश के लिए एक सोलर लाइट की व्यवस्था की गई है। सभी नादों के ऊपर छांव के लिए टिन सेड की व्यवस्था है। पशुओं के बैठने के लिए एक अलग से हालनुमा बड़े टिन सेड की व्यवस्था की गई है। पानी के लिए मोटर लगाई गई है। मिनी फागिंग मशीन भी मौजूद है। कार्य कर रहे मजदूर अशोक कुमार , हरिभजन ने बताया कि छह महीने हो गया अभी कोई निश्चित मजदूरी नहीं मिल पाई है। प्रधान श्रवण ने बताया कि गायों के पालने के लिए जो पैसा मिलता है, उसी में से मजदूरों को मजदूरी दी जाती है। गोशाला पिकौरा में 125 पशु मौजूद मिले। आहार के रूप में सूखा भूसा के साथ चरी खिलाया जा रहा था।प्रधान ने अपने खेत में चरी को बोया है। गोशाला के अंदर कीचड है। सोलर लाइट लगी है। पशुओं के पीने के लिए पानी की व्यवस्था है। चार मजदूर काम कर रहे हैं। उप जिलाधिकारी शोहरतगढ़ शिवमूर्ति सिंह ने कहा कि गोशालाओं की व्यवस्था ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जहां कमी है शीघ्र उसे ठीक कराया जाएगा। मजदूरों की मजदूरी दिलाने का पुरा प्रयास होगा। जो पशु बीमार हैं, उनका इलाज कराया जा रहा है।