बेहतर व्यक्तित्व के लिए बेदाग छवि जरूरी : कुलपति
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने कहा बेदाग छवि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास का हिस्सा होना ही चाहिए। उसे सम्मान भाव के साथ आत्मसात करने के बाद स्वयं के साथ संस्था को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर किया जा सकता है।
सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने कहा बेदाग छवि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास का हिस्सा होना ही चाहिए। उसे सम्मान भाव के साथ आत्मसात करने के बाद स्वयं के साथ संस्था को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर किया जा सकता है। प्रशासक को अधीनस्थ व सहकर्मियों पर विश्वास करना चाहिए। प्रशासक को आचरण व व्यवहार में स्नेह एवं आत्मीयता का भाव होना चाहिए।
यह बातें उन्होंने शनिवार को विश्वविद्यालय सभागार में हुए सम्मान समारोह में कही। यह कार्यक्रम विवि व संबंद्ध कालेज के शिक्षकों ने संयुक्त रूप से कुलपति के तीन वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने पर आयोजित किया है। कुलपति ने कहा विद्यार्थी केंद्रित संस्थान की सभी व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। सहयोग व सद्भावना का भाव हमारी संस्कृति में है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में तीन वर्ष की यात्रा में सभी शिक्षक व कर्मचारियों का योगदान रहा। विवि अपना मुकाम हासिल करने की राह पर अग्रसर है। कुलसचिव राकेश कुमार, वित्त अधिकारी अजय सोनकर, प्राचार्य शिवपति पीजी कालेज डा. अरविद सिंह, एमएलकेपीजी कालेज बलरामपुर डा. आरके सिंह, एपीएपीजी कालेज बस्ती डा. एसपी सिंह, प्रो. हरीश शर्मा, डा. पूर्णेश नारायण सिंह, डा. सत्येंद्र दुबे आदि ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष आरके पांडेय, प्राचार्य प्रभा देवी महाविद्यालय संतकबीर नगर डा. प्रमोद कुमार त्रिपाठी, अधिष्ठाता शिक्षा संकाय डा. राघवेंद्र सिंह, डा. राजेंद्र बौद्ध आदि मौजूद रहे। जनसुनवाई में त्वरित निस्तारित हो रहीं समस्याएं सिद्धार्थनगर : शनिवार को लोनिवि डाकबंगले में विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह की मौजूदगी में जनसुनवाई की गई। 27 मामले निपटाए गए। विधायक ने कहा कि हर विभाग अपने दायित्वों का निर्वाहन पूरी जिम्मेदारी से करें। जिससे लोगों की समस्याओं का निस्तारण हो सके।
जनसुनवाई में पिछली बार बचे मामलों के निस्तारण की जानकारी ली गई। दूसरे सप्ताह के 27 मामलों को भी निस्तारित करने के साथ प्रशासन ने भी अपनी तत्परता साबित की। इस बार कुल 16 मामले आए इसे निपटाने के लिए जिम्मेदारों को निर्देश दिया गया। एसडीएम त्रिभुवन, तहसीलदार राजेश प्रताप सिंह, रमेश चंद्र श्रीवास्तव, अभयराम पांडेय, चंद्रभान अग्रहरि आदि मौजूद रहे।