सामुदायिक अधूरे तो व्यक्तिगत शौचालय बने स्टोर रूम

मिठवल विकास खंड में स्वछ भारत मिशन धड़ाम हो चुका है। खुले में शौच से मुक्ति हेतु सरकार द्वारा गांवों में बनाए गए सामुदायिक व घरेलू शौचालयों का हाल बेहद चिताजनक है। अधिकांश सामुदायिक शौचालयों में पानी की उपलब्धता ही नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:22 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:22 PM (IST)
सामुदायिक अधूरे तो व्यक्तिगत शौचालय बने स्टोर रूम
सामुदायिक अधूरे तो व्यक्तिगत शौचालय बने स्टोर रूम

सिद्धार्थनगर : मिठवल विकास खंड में स्वच्छ भारत मिशन धड़ाम हो चुका है। खुले में शौच से मुक्ति हेतु सरकार द्वारा गांवों में बनाए गए सामुदायिक व घरेलू शौचालयों का हाल बेहद चिताजनक है। अधिकांश सामुदायिक शौचालयों में पानी की उपलब्धता ही नहीं हो पाई है। कहीं कहीं सीट बैठाने व रंग रोगन का कार्य भी अधूरा है। घरेलू शौचालयों की बात करें तो इनमें रखा कंडा व भूसा इनकी शोभा बढ़ा रहे हैं। अधिकांश अधूरे सामुदायिक शौचालयों को स्वयं सहायता समूहों के देखरेख के लिए देते हुए इसका धन भी उनके खाते में भेज दिया गया पर सुविधाओं के अकाल से यह शौचालय अभी तक प्रयोग में नहीं आ सके।

सामुदायिक शौचालय बूढ़ापार

बूढ़ापार स्थित शौचालय में अभी तक पानी की सुविधा मुहैया नहीं हो सकी है। टंकी नहीं है पानी का मोटर व कनेक्शन भी नहीं है। बाहर से तो शौचालय बना है, पर अंदर सीट बैठाने व रंग-रोगन का काम भी अधूरा पड़ा है।

शौचालय कोड़राव नानकार

कोड़रांव नानकार में भी सामुदायिक शौचालय का हाल बुरा है। यहां व्यक्तिगत शौचालय भी निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। बाहर से रंग रोगन लगा है कितु अंदर अभी तक सीट नहीं बैठ सकी है। पानी की कोई व्यवस्था यहां भी नहीं हो सकी है।

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शौचालय कम्हरिया बुजुर्ग

कम्हरिया बुजुर्ग में भी कमोवेश यही हालात हैं। यहां भी सामुदायिक शौचालय बाहर से तैयार है कितु अंदर न सीट बैठाई गयी है,न फर्श बनी है और रंग रोगन भी नहीं हुआ है। पानी की व्यवस्था यहां भी नहीं है। नतीजतन लोग खुले में ही शौच जाते हैं।

स्टोररूम बने व्यक्तिगत शौचालय

तीनों गांवों में घरेलू शौचालयों की भी स्थिति दयनीय है। अधिकांश शौचालय निष्प्रयोज्य पड़े हैं, सुबह शाम खुले में शौच करने वालों का तांता लगा रहता है, जिससे गांव के मार्गों पर गंदगी का अंबार रहता है। बूढ़ापार में नारद मुनि ने बताया कि हमें एक ही किश्त मिली थी, एक किश्त अब तक नहीं मिला, शौचालय अधूरा पड़ा है। इसी भांति शांति देवी का भी शौचालय अधूरा है। ग्राम कोड़राव नानकार निवासी गुरुचरन व मुनि राम के शौचालय में कंडा व भूसा भरा है। यही हालात अन्य शौचालय की भी है।

एडीओ पंचायत मिठवल श्रीनिवास सिंह ने कहा कि बहुत तेजी से शौचालयों को पूर्ण किया जा रहा है। मैं स्वयं गांव गांव निरीक्षण कर रहा हूं, जल्द ही सारे कार्य पूरे हो जाएंगे। जहां बिजली का कनेक्शन नहीं हो पा रहा है, वहां तब तक हैंड पंप से काम चल रहा है।

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