अस्पताल भवन जर्जर, भीग रहीं दवाएं
स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए जहां सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वहीं डुमरियागंज न्यू पीएचसी में समायोजित हुए आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थिति बदहाल है। यहां पर जर्जर भवन के कारण दवाओं को सुरक्षित रख पाना मुश्किल हो रहा है।
सिद्धार्थनगर: स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए जहां सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वहीं डुमरियागंज न्यू पीएचसी में समायोजित हुए आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थिति बदहाल है। यहां पर जर्जर भवन के कारण दवाओं को सुरक्षित रख पाना मुश्किल हो रहा है। जिससे आयुर्वेदिक दवाएं भीग कर बर्बाद हो रही हैं।
दो माह पहले हल्लौर के प्राइवेट भवन में संचालित आयुर्वेदिक यूनानी इंडोर अस्पताल (चार बेड) को डुमरियागंज न्यू पीएचसी के भवन में शिफ्ट कराया गया था मगर यह कमरा भी जर्जर है। यहां मौजूद फार्मासिस्ट आर.दूबे ने बताया कि बारिश के दौरान छत से पानी टपकने के कारण दवाएं भीग कर खराब हो रही हैं। एक माह पहले विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने तहसील रोड पर बने अस्थाई गोशाला में रह रहे जानवरों को कान्हा गोशाला में पहुंचाने के बाद बिल्डिंग में आयुर्वेदिक अस्पताल को स्थानांतरित करवाने का आश्वासन दिया था। गोशाला के संचालन को दो माह हो गए, लेकिन अस्पताल अभी तक शिफ्ट नहीं कराया गया। उपजिलाधिकारी त्रिभुवन ने बताया कि भवन की व्यवस्था करा दी गई है। एक सप्ताह के भीतर अस्पताल दूसरे भवन में स्थानांतरित करा दिया जाएगा।