रौद्र रूप में पहाड़ी नाले, खेतों में लगा पानी

चार दिनों तक हुई बारिश से नेपाल की पहाड़ों से निकलने वाले नाले रौद्र रूप में आ गए हैं। यह पहाड़ से उतरने के बाद इस तराई के जिले से मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। समतल व निचली भूमि मिलते ही इसका पानी खेतों में ठहर जाता है। पानी लगने से खरीफ की खेती पिछड़ने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 10:52 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 10:52 PM (IST)
रौद्र रूप में पहाड़ी नाले, खेतों में लगा पानी
रौद्र रूप में पहाड़ी नाले, खेतों में लगा पानी

सिद्धार्थनगर : चार दिनों तक हुई बारिश से नेपाल की पहाड़ों से निकलने वाले नाले रौद्र रूप में आ गए हैं। यह पहाड़ से उतरने के बाद इस तराई के जिले से मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। समतल व निचली भूमि मिलते ही इसका पानी खेतों में ठहर जाता है। पानी लगने से खरीफ की खेती पिछड़ने लगी है। इसके कारण कई किसान अभी तक धान का बीज भी नहीं डाल पाए हैं। धान बीज डालने का आदर्श समय 15 से 30 जून तक माना गया है।

नेपाल के पहाड़ से निकला सोतवा नाला का प्रवेश मार्ग बढ़नी और महादेव बुजुर्ग के मध्य है। पूरे वर्ष सूखा रहने वाला बारिश के समय यह नाला अपने उफान पर रहता है। इसका पानी अभी भी खैरी शीतल प्रसाद, तालकुंडा, मदरहिया आदि गांवों के खेत में लगा है। शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र में सोतवा नाला भी उत्पाद मचा रहा है। नेपाल में बानगंगा नदी से निकले इस पहाड़ी नाला का पानी अभी भी गणेशपुर, गोल्होरा, परसा आदि गांवों के खेत में जमा है। बांसी के सूपाराजा के पास से फजिहतवा नाला गुजरता है। प्रत्येक वर्ष बारिश के समय इस नाला का पानी कई गांवों के खेत में लगा रहता है। एडीएम सीताराम गुप्ता ने कहा कि

चार दिन की बारिश से पहाड़ी नाले उफान पर आ गए हैं। बारिश रूकने के बाद यह सभी नालों का जलस्तर घटा है। इनका पानी अभी भी खेतों में लगा है, इसकी जानकारी प्राप्त की जाएगी। अभी धान का बीज डालने का समय है। कुछ दिनों में स्थिति सामान्य होने की संभावना है।

chat bot
आपका साथी