आधी आबादी के इलाज का नहीं मुकम्मल इंतजाम

स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद में आधी आबादी के इलाज का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। आठ पीएचसी व एक सीएचसी पर सिर्फ एक महिला चिकित्सक की तैनाती है। आम लोगों को सस्ता इलाज मुहैया कराने का सपना तहसीलक्षेत्र में तार तार हो रहा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 10:44 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 06:10 AM (IST)
आधी आबादी के इलाज का नहीं मुकम्मल इंतजाम
आधी आबादी के इलाज का नहीं मुकम्मल इंतजाम

सिद्धार्थनगर : स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद में आधी आबादी के इलाज का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। आठ पीएचसी व एक सीएचसी पर सिर्फ एक महिला चिकित्सक की तैनाती है। आम लोगों को सस्ता इलाज मुहैया कराने का सपना तहसीलक्षेत्र में तार तार हो रहा है। कहने को तो डुमरियागंज ब्लाक में करोड़ों की लागत से कई अस्पताल बने हैं, लेकिन महिला चिकित्सक के नाम पर आयुष चिकित्सक ही विभाग तैनात कर पाया है। जबकि ब्लाक में करीब 1.75 लाख आबादी महिलाओं की है। जिन्हें दिक्कत होने पर या तो पुरुष डाक्टर या बस्ती, सिद्धार्थनगर का चक्कर लगाना पड़ता है।

स्वास्थ महकमे ने लोगो के इलाज के लिए बेवा स्थित सीएचसी के साथ ही नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी चा़फा, भवानीगंज, चकचई, डुमरियागंज, रसूलपुर, नौउवा गांव, देईपार, अजगरा आदि अस्पताल संचालित कर रखा है। जिनमे महिला डाक्टर के नाम पर एकमात्र चिकित्सक सलमा हमीद ही सीएचसी पर तैनात हैं। यह हाल तब है जब सरकार निश्शुल्क इलाज के लिए आयुष्मान भारत के तहत गोल्डेन कार्ड बांट चुकी है। आधी आबादी इलाज के लिए दर दर की ठोकरें खा रही हैं। अथवा निजी अस्पतालों के शोषण का शिकार हो रही हैं।

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- क्या कहते हैं जिम्मेदार

सीएचसी अधीक्षक डाक्टर बीएन चतुर्वेदी ने कहा महिला चिकित्सक के रूप में एकमात्र आयुष डा. की तैनाती है। उपलब्ध संसाधन से महिला मरीजों का इलाज किया जाता है। महिला चिकित्सक के लिए लिखा पढ़ी की गई है।

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