राज्यपाल ने बीच रास्ते में रोकी गाड़ी, बच्चों से जाना शिक्षा का हाल

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शुक्रवार की शाम नेपाल के लुंबिनी से वापस लौटते समय ककरहवा बार्डर पर गाड़ी रोकवा दी। वहां मौजूद बचों से वार्ता की। इन बचों को देख उनके चेहरे पर भी बालसुलभ मुस्कान तैर गई। बचों के जैसे सवाल उसी लहजे में मासूमियत से जवाब।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 11:00 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 11:00 PM (IST)
राज्यपाल ने बीच रास्ते में रोकी गाड़ी, बच्चों से जाना शिक्षा का हाल
राज्यपाल ने बीच रास्ते में रोकी गाड़ी, बच्चों से जाना शिक्षा का हाल

सिद्धार्थनगर : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शुक्रवार की शाम नेपाल के लुंबिनी से वापस लौटते समय ककरहवा बार्डर पर गाड़ी रोकवा दी। वहां मौजूद बच्चों से वार्ता की। इन बच्चों को देख उनके चेहरे पर भी बालसुलभ मुस्कान तैर गई। बच्चों के जैसे सवाल, उसी लहजे में मासूमियत से जवाब। पढ़ाई का हाल पूछा, कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाने की नसीहत दी। संक्षिप्त मुलाकात में शिक्षा के महत्व को भी बताया। राज्यपाल ने बच्चों के साथ भारत माता की जय का उद्घोष भी किया।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की कार ने शाम 4.41 बजे भारतीय सीमा प्रवेश किया। वहीं कुछ दूरी पर स्कूली बच्चे मौजूद रहे। बच्चे गाड़ी को देख हाथ हिलाने लगे। यह देख उन्होंने चालक से गाड़ी रोकने के लिए कहा। बच्चों को पास बुलाया। जैसे ही इनसे बात शुरू की, पूरे दिन की थकान काफूर हो गई। वहीं बच्चों का चेहरा भी खिल उठा। राज्यपाल ने बच्चों से पूछा-आप लोग मुझे जानते हों, तो उत्साह में भरे बच्चों की ओर से जवाब आया कि-हां। आप प्रदेश की राज्यपाल हैं और आपका नाम आनंदी बेन पटेल है। राज्यपाल ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आप लोग किस विद्यालय और कौन सी क्लास में हैं। आप लोगों के विद्यालय का क्लास स्मार्ट है या नहीं। विद्यालय में कंप्यूटर लगा है कि नहीं। उन्होंने बच्चों से पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा कि कम्प्यूटर का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। बालिका शहजादी से पूछा, आप ने स्वेटर क्यों नही पहना तो बालिका ने जवाब दिया कि आपको देखने के लिए घर से दौड़ते हुए आई हूं, जल्दबाजी में स्वेटर नहीं पहन सकी। इस पर राज्यपाल ने अभिभावक की भांति समझाते हुए कहा कि समय का पाबंद होना चाहिए, लेकिन कोई काम जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए। लवकुश आर्यन, अभय, सौरभ, फूलचंद, समीर, पवन, राशिद, मोनू, अंशिका, दिनेश आदि बच्चों ने राज्यपाल से वार्ता की। राज्यपाल ने गुजराती में बताई बुद्ध की जीवनी सिद्धार्थनगर : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी में पहुंच कर अभिभूत हुई। वह गौतम बुद्ध के आभामंडल में इतनी मग्न हुई कि साथ में आए लोगों को गुजराती में जीवनी बताया। किन परिस्थितियों में मन में करुणा पैदा हुई, कैसे शांति की खोज में वह सभी वैभव को छोड़ कर भिक्षु का वेष धारण किया और बौद्ध धर्म के उद्भव को भी बताया। वह पूरे समय गौतम बुद्ध की ही बात करती रहीं।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ उनके स्पेशल ड्यूटी आफिसर अशोक देसाई, डा. पंकज जैन, गीता देसाई, मानवी आदि आए थे। बुद्ध की मां महामाया के मंदिर का दर्शन करने के बाद साथ में आए लोगों को इनके संबंध में प्रचलित कथा को सुनाया। परिसर में स्थित पवित्र पोखरा के संबंध में बताया कि बुद्ध के जन्म के बाद माता महामाया ने यहीं पर स्नान किया था। यहां बने बाग-बगीचा को घूमकर देखा। वह किसी शोधार्थी की भांति एक-एक तथ्यों को सहेजा। वहां मौजूद लोगों से बुद्ध के संबंध में वार्ता करती रहीं।

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