लाल निशान के पार घोघी, बूढ़ी राप्ती में उफान
चार दिनों से लगातार हो रही बारिश गुरुवार को थम गई। बारिश का असर नदी व पहाड़ी नालों के जलस्तर पर दिखा। कुछ नदी अभी भी बढ़ाव पर है तो कुछ घटाव पर आ गई हैं। घोघी नदी लाल निशान को पार कर गई है। यह 35 सेमी ऊपर बह रही है। बूढ़ी राप्ती लाल निशान छूने को आतुर है।
सिद्धार्थनगर : चार दिनों से लगातार हो रही बारिश गुरुवार को थम गई। बारिश का असर नदी व पहाड़ी नालों के जलस्तर पर दिखा। कुछ नदी अभी भी बढ़ाव पर है तो कुछ घटाव पर आ गई हैं। घोघी नदी लाल निशान को पार कर गई है। यह 35 सेमी ऊपर बह रही है। बूढ़ी राप्ती लाल निशान छूने को आतुर है। यह खतरे के निशान से महज 0.03 सेमी बह रही है। यह लगातार धीमी गति से बढ़ाव पर है। वहीं राप्ती का जलस्तर भी बढ़ रहा है। कूड़ा नदी आलमनगर गेज पर लाल निशान पार करने के बाद घटने लगी है। वहीं उसका बाजार पुल के पास कूड़ा नदी बढ़ाव पर है। तेलार नाला भी खतरे के निशान के पास पहुंच कर घटने लगा है। जमुआर नाला स्थिर है। सिचाई विभाग के बांसी गेज पर 3.2 मिमी बारिश दर्ज की गई।जबकि ककरही में 4.2 व बानगंगा गेज पर छह मिमी बारिश रिकार्ड हुआ।
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नदियों का जलस्तर (मीटर में)
नदी- स्तर- खतरे का निशान
बानगंगा- 91.400- 93.420
जमुआर- 81.230- 84.890
राप्ती- 82.600- 84.900
बूढ़ी राप्ती- 85.630- 85.650
तेलार- 86.600- 87.500
कूड़ा (आलमनगर)- 87.000- 87.200
कूड़ा (रेलवे पुल)- 82.110- 83.520
घोघी- 87.350- 87.000
एडीएम सीताराम गुप्ता ने इस संदर्भ में बताया कि चार दिनों से हुई बारिश से नदी व नालों का जलस्तर बढ़ा है। नेपाल के पहाड़ों पर हुई बारिश का असर यहां की नदियों पर पड़ा। कूड़ा नदी खतरे के निशान के नीचे आ गई है। वहीं घोघी नदी का जलस्तर लाल निशान के पार पहुंच गया है। बूढ़ी राप्ती भी खतरे के निशान के पास है। राप्ती भी बढ़ रही है। तेलार नाला नीचे उतरने लगा है। बारिश को देखते हुए सभी विभागीय कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। नदियों के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है।