नवरात्र के दूसरे दिन देवी मंदिरों में लगा भक्तों का जमावड़ा

नवरात्रि के दूसरे दिन जिले के प्रसिद्ध वटवासिनी मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहा। चिलचिलाती धूप में भी भक्त माता के दर्शन के लिए कतारबद्ध खड़े रहे। एसडीएम त्रिभुवन व सीओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने भी मंदिर पहुंच पूजा अर्चना की तथा सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 12:43 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 12:43 AM (IST)
नवरात्र के दूसरे दिन देवी मंदिरों में लगा भक्तों का जमावड़ा
नवरात्र के दूसरे दिन देवी मंदिरों में लगा भक्तों का जमावड़ा

सिद्धार्थनगर : नवरात्रि के दूसरे दिन जिले के प्रसिद्ध वटवासिनी मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहा। चिलचिलाती धूप में भी भक्त माता के दर्शन के लिए कतारबद्ध खड़े रहे। एसडीएम त्रिभुवन व सीओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने भी मंदिर पहुंच पूजा अर्चना की तथा सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। एसडीएम ने कोविड नियमों के अनुपालन पर जोर दिया।

वासंतिक नवरात्रि पर देवी मंदिरों में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है। दूर- दूर से पहुंचे भक्तों ने बुधवार माता के दरबार में पहुंचकर दर्शन पूजन किया तथा परिवार के सुख समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुऐ सीमित लोगों को एक साथ मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति मिली। अभिषेक, सुनील, विनोद बाबा, दशरथ आदि स्वयंसेवक मंदिर पुजारी पं. ठाकुर प्रसाद मिश्रा की अगुवाई में कोविड नियमों का अनुपालन कराते नजर आए। बिना मास्क के किसी को भी परिसर में दाखिल होने की अनुमति नहीं मिली। पुजारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि छोटे बच्चों को बहुत जरूरी न हो तो दर्शन के दौरान लेकर न आएं। एसडीएम और सीओ ने भी पहुंचकर कोविड नियमों का अनुपालन गंभीरता से करने का निर्देश श्रद्धालुओं को दिया। मंदिर परिसर में सुबह और शाम के समय भीड़ कुछ अधिक ही रही। भवानीगंज स्थित बलुआ समय माता मंदिर, डुमरियागंज दुर्गा मंदिर, मन्नीजोत कामेश्वरी मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। जर्जर पुलिया के मरम्मत की मांग खेसरहा ब्लाक के संथवा गांव स्थित शिव मंदिर के बगल स्थित बुद्धा नाले पर बनी पुलिया जर्जर हो गई है। आठ वर्ष पूर्व इस पुलिया का निर्माण किया गया था। इससे संथवा, कुनौना, डढि़या, असनार सहित 14 गांवों के लोग यात्रा करते हैं। इसके बनने से भलुहा, खदरगढ्ढी, बनकेगांव, खेसरहा व बेलौहा तक की दूरी आठ किमी कम भी हो गई है। करीब दस लाख की लागत से बने इस पुलिया के बीच बने पाए की ईंट निकल रही है। जिसके कारण यह जर्जर हो चुका है। लोगों ने मरम्मत की मांग की है।

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