समय पर बारिश होने से किसानों के चेहरे खिले

पिछले दो दिनों से समय-समय पर हो रही मानसूनी बारिश धान की फसल के लिए लाभप्रद है। खेतों में हरियाली देख किसानों के चेहरे खिल उठे हैं उन किसानों के रोपाई कार्य में भी तेजी आ गई है जिनके खेतों में अब तक रोपाई नहीं हो सके थे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:57 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:57 PM (IST)
समय पर बारिश होने से किसानों के चेहरे खिले
समय पर बारिश होने से किसानों के चेहरे खिले

सिद्धार्थनगर : पिछले दो दिनों से समय-समय पर हो रही मानसूनी बारिश धान की फसल के लिए लाभप्रद है। खेतों में हरियाली देख किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, उन किसानों के रोपाई कार्य में भी तेजी आ गई है, जिनके खेतों में अब तक रोपाई नहीं हो सके थे।

बारिश के चलते खेतों में कृषि कार्य में तेजी आ गई है। कृषि विज्ञान केंद्र सोहना में शोध के लिए कालानमक धान रोपाई के कार्य में कामगार सुबह से जुटे नजर आए जो किसान रोपाई कार्य पहले संपन्न करा लिए थे, वह दवा छिड़काव कर रहे हैं। किसानों के लिए राहत भरी बात यह रही कि उन्हें खेतों में पानी नहीं चलाना पड़ रहा है। इससे उनके सिचाई पर पैसे नहीं खर्च करने पड़ेंगे। मानसूनी बारिश से उनको लाभ मिल रहा है। धनधरा गांव निवासी प्रगतिशील किसान सिपिल सर्जन और राम उजागिर ने बताया कि कभी रात और कभी दिन में जो बारिश हो रही है, वह फसल के लिए बहुत फायदेमंद है। इन दिनों मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान बहुत सटीक साबित हो रहे हैं, इससे किसान अलर्ट हो रहे हैं।

मौसम विशेषज्ञ सूर्य प्रकाश सिंह ने बताया कि 31 जुलाई तक बारिश का मौसम बना रहेगा। तापमान में आई गिरावट के चलते लोगों को गर्मी से भी काफी राहत मिली है।

गुरुवार को अधिकतम तापमान 32 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड दर्ज किया गया। वर्तमान मौसम को देखते हुए किसानों को अभी फसलों में पानी चलाने की आवश्यकता नहीं है। बस उन्हें सतर्कता बरतने की जरूरत है, सब्जी के खेतों में पानी ने रुकने दें, कहीं पानी जमा है तो उसके निकासी का प्रबंध करें।

स्वस्थ जीवन के लिए अनिवार्य है पौधारोपण : कुलपति

सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने गुरुवार को तथागत अंतरराष्ट्रीय केंद्र में औषधीय एवं पौराणिक पौधों को लगाया। जीवन में इन पौधों के महत्व को बताया। सभी को पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया।

कुलपति ने कहा विश्वविद्यालय परिसर व संबद्ध कालेजों में वृहद रूप से पौधारोपण का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। मानव जीवन में वृक्ष को मित्र की भांति माना गया है। औषधीय पौधों से कई लाभ मिलते हैं। पीपल, अशोक, नीम आदि अनेक औषधीय पौधे हैं। जिनसे मानव जीवन सुगम व सुलभ हो जाता है। कोरोना संक्रमण काल में जब आक्सीजन की कमी हुई तो सभी ने वृक्षों के महत्व को जाना। यह पर्यावरण को शुद्ध करने में सहयोगी साबित होते हैं। इसलिए पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए भी पौधारोपण करना चाहिए। परिसर में अभी और पौधारोपण किया जाएगा। कुलसचिव राकेश कुमार, वित्त अधिकारी अजय सोनकर, सहायक कुलसचिव दीनानाथ यादव, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. हरीश शर्मा, डा.पूर्णेश नारायण सिंह, तथागत अंतरराष्ट्रीय केंद्र के प्रभारी डा. अखिलेश दीक्षित, डा.अविनाश प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।

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