मिलावटी धान बीज के चलते लुटते आ रहे किसान
जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि पहले कंपनियों को लाइसेंस जिला स्तर से मिलता था। अब निदेशालय से ही कारोबार करने वाली कंपनियों की सूची आ जाती है। हमें सिर्फ वेरीफिकेशन का अधिकार है। तहसील क्षेत्र में निगरानी टीम लगाई जाएगी जिससे नकली बीजों का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई हो सके।
सिद्धार्थनगर: गेहूं की कटाई बंद होते ही धान बीज कंपनियों का बाजार गुलजार है। गांव-गांव प्रचार के लिए गाड़ियां जुट गई हैं। अपने ब्रांड की उत्पादन क्षमता, रोग प्रतिरोधक क्षमता का बखान करने का काम जोरों पर है। इसी प्रचार प्रसार का फायदा कुछ दुकानदार उठाते हैं और नामी कंपनियों के नाम पर मिलावटी बीज बेचते हैं। प्रति वर्ष इसके चलते किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है।
तहसील क्षेत्र नकली खाद और बीजों के चलते कुख्यात रहा है। यहां ब्रांडेड कंपनियों की आड़ में नकली खाद बीज भरकर बड़े कारोबारी बेचते हैं। इनका नेटवर्क नेपाल के तराई जिलों तक फैला है। कृषि विभाग की जांच में कई बार इनकी गड़बड़ी पकड़ी भी गई, पर कार्रवाई न होने से कारोबार चल रहा है। वर्ष 2019 में ऊंचडीह, कटेश्वरनाथ, रमवापुर सीर, गुलरिया के दर्जनों किसान नकली धान बीज खरीदकर नुकसान उठा चुके हैं। एक कंपनी के बीज डालने पर नर्सरी ही नहीं तैयार हुई। अताउल्लाह, फैयाज, शमसुद्दीन, इनामुल्लाह, अताउल्लाह हुसैन, राकेश, दीपक, नरेश आदि की शिकायतों पर विभाग ने पड़ताल की। जांच के बाद एक नकली बीज व्यापारी का गोदाम सीज हुआ, लेकिन नकली बीज बिक्री का काम हर सीजन में चल रहा है।
सिर्फ वेरीफिकेशन का अधिकार
जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि पहले कंपनियों को लाइसेंस जिला स्तर से मिलता था। अब निदेशालय से ही कारोबार करने वाली कंपनियों की सूची आ जाती है। हमें सिर्फ वेरीफिकेशन का अधिकार है। तहसील क्षेत्र में निगरानी टीम लगाई जाएगी, जिससे नकली बीजों का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई हो सके। शिकायत मिलने पर जांच कर कार्यवाही की जाएगी।