'कोबरा' पर अलर्ट सुरक्षा एजेंसियां
कोबरा सांप का जहर अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे दामों पर बिकता है। ऐसे में इनके तस्करी की आशंका को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। दो माह में नेपाल सीमा पर सांप तस्करी के नौ मामले सामने आने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर निगहबानी बढ़ गई है। सांप भारत से नेपाल भेजे जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब इसकी जांच में है कि ये कहां भेजे रहे हैं?
सिद्धार्थनगर: कोबरा सांप का जहर अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे दामों पर बिकता है। ऐसे में इनके तस्करी की आशंका को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
दो माह में नेपाल सीमा पर सांप तस्करी के नौ मामले सामने आने के बाद, भारत-नेपाल सीमा पर निगहबानी बढ़ गई है। सांप भारत से नेपाल भेजे जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब इसकी जांच में है कि ये कहां भेजे रहे हैं? क्या उपयोग किया जाना है? क्या कोई नेटवर्क सांप के जहर की तस्करी में लिप्त है?
जानकारों के अनुसार भारत में किग कोबरा प्रजाति के सांप मिलते हैं। लंबाई तीन से चार फीट तक होती है। इनमें साइको टाक्शिन और न्यूरो टाक्शिन जहर मिलता है। एक वयस्क सांप में करीब तीन से चार मिलीलीटर जहर मिलता है। जहर निकालने के लिए मोम में सांप के दांतों को धसाने के बाद सिर को दबाया जाता है। एक बार में दो बूंद विष छोड़ता है। जहर कई प्रकार के दवा निर्माण व शोध के काम में आता है।
इंसेट
पकड़ में आए मामले
नौ दिसंबर को एसएसबी जवानों ने ककरहवा बार्डर के पास किग कोबरा प्रजाति सांप के साथ गजपति निवासी मोहम्मद रजा को पकड़ा। साइकिल से नेपाल ले जा रहा था। 21 अक्टूबर को शोहरतगढ़ थाना के खुनुर्वा बार्डर के पास दो किग कोबरा के साथ ग्राम रमवापुर नानकार निवासी मंगन प्रसाद को पकड़ा गया था। साइकिल से नेपाल की ओर जा रहा था।
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सीमा पर एसएसबी ने सांपों के साथ कुछ लोगों को पकड़ा है। नेपाल में लेकर जा रहे थे। किग कोबरा प्रजाति के सांप थे। यह संरक्षित प्रजाति में आता है। सांप वन विभाग को सौंप दिए गए हैं।
अमित कुमार सिंह
कमांडेंट एसएसबी 43वीं वाहिनी