शाहपुर-सिंगारजोत मार्ग के निकट पहुंची कटान, बढ़ा खतरा
शाहपुर-सिगारजोत मार्ग पर कटान तेज होने के कारण अब पूरी सड़क कटकर नदी में समाने का खतरा बढ़ गया है। यदि ऐसा हुआ तो गागापुर गांव में तो भारी तबाही होगी तटवर्ती क्षेत्र में भी नदी बहुतों को बर्बाद कर देगी।
सिद्धार्थनगर : जलस्तर घटने के साथ राप्ती नदी शाहपुर-सिगारजोत मार्ग पर कटान तेज कर दी है। गागापुर गांव के पास नदी और मुख्य मार्ग के बीच महज कुछ फिट की दूरी बाकी रह गई है। जिस प्रकार कटान हो रही है, उसको देख, कभी भी सड़क का अस्तित्व नदी समाप्त कर सकती है। ग्रामवासी सहित आसपास गांवों के लोग भयभीत है, परंतु जिम्मेदारों की ओर से सुरक्षा की दृष्टि से तात्कालिक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।
शाहपुर-सिगारजोत मार्ग पर कटान तेज होने के कारण अब पूरी सड़क कटकर नदी में समाने का खतरा बढ़ गया है। यदि ऐसा हुआ तो गागापुर गांव में तो भारी तबाही होगी, तटवर्ती क्षेत्र में भी नदी बहुतों को बर्बाद कर देगी। क्षेत्रीय लोग चिता में है कि पहले से ही सिगारजोत एप्रोच कट जाने से उतरौला,बलरामपुर, गोंडा, लखनऊ के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ रही है। अगर यह मार्ग कटा तो फिर न इधर जा पाएंगे और न ही उधर। गागापुर गांव के लोगों की नींद तो कटान के साथ ही उड़ गई है। नदी जहां पहले ही सैकड़ो बीघा कृषि योग्य कीमती खेतों को निगल चुकी है वहीं अब मुख्य मार्ग व गांव को भी समाहित करने को आतुर दिखाई दे रही है।
इमरान ने कहा कि राप्ती नदी पहले ही तबाही की इबारत लिख चुकी है, अब आगे की सोच कर दिन का सुकून व रात की नींद खत्म हो चुकी है। बैजनाथ गुप्ता कहते है कि मार्ग किनारे हो रहे कटान से बचाव के लिए कोई आवश्यक प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। यही नहीं उनके घर से नदी की दूरी सिर्फ दस से पन्द्रह मीटर ही बची है। इसके लिए भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। हसमुल्लाह ने कहा कि जिम्मेदारों का रवैया यही रहा तो फिर इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा। पारस नाथ गुप्ता ने कहा कि कटान संवेदनशील स्थिति में पहुंच चुकी है। तुरंत प्रशासनिक अमले को सतर्क होना चाहिए।
सिचाई विभाग के जेई कालिका प्रसाद ने बताया कि मौका का निरीक्षण करके देखते हैं कि कटान की स्थिति क्या है। फिर सुरक्षा की ²ष्टि से जो आवश्यक कदम होंगे, उठाए जाएंगे। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जाएगी।