हटेंगे एक ही जगह जमे कर्मचारी व अधिकारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फरमान के बाद वर्षों से एक ही जगह जमे कर्मचारी और अधिकारियों को हटाने की कवायद शुरू हो गयी है। पंद्रह दिन के अंदर जिले के एक दर्जन से अधिक वह सेक्रेटरी भी हटा दिए जाएंगे जो 10-15 वर्षों से एक ही क्षेत्र में जमे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:22 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:22 PM (IST)
हटेंगे एक ही जगह जमे कर्मचारी व अधिकारी
हटेंगे एक ही जगह जमे कर्मचारी व अधिकारी

सिद्धार्थनगर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फरमान के बाद वर्षों से एक ही जगह जमे कर्मचारी और अधिकारियों को हटाने की कवायद शुरू हो गयी है। पंद्रह दिन के अंदर जिले के एक दर्जन से अधिक वह सेक्रेटरी भी हटा दिए जाएंगे, जो 10-15 वर्षों से एक ही क्षेत्र में जमे हुए हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जो गृह ब्लाक में ही प्रमोशन पर सेवा दे रहे हैं। नई स्थानांतरण नीति के मुताबिक विभागाध्यक्ष 15 जुलाई तक अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले कर सकते हैं। इसके लिए तीस दिन का समय दिया गया है। सिद्धार्थनगर जिले में ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों की संख्या अधिक है। आधे दर्जन से अधिक अधिकारी पिछले चार वर्ष से अधिक समय से जमे हुए हैं। यहां सेक्रेटरी भी जुगाड़ के बल पर अपनी नौकरी शुरू होने से लेकर अब तक एक ही जगह कर रहे हैं। ऐसे लोगों को अब हटा दिया जाएगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार सिर्फ नौगढ़ में पांच ऐसे सेक्रेटरी हैं, जिनकी नौकरी दस वर्ष से अधिक हो गई है। एक सेक्रेटरी तो प्रमोशन पर यहीं एडीओ आइएसबी बने हैं, जिनका खुद का गृह ब्लाक भी है। बर्डपुर में भी ऐसे चार सेक्रेटरी हैं, जो हटना नहीं चाहते। मिठवल में दो ग्राम विकास अधिकारी वर्ष 1999 से एक ही जगह काम कर रहे हैं। डुमरियागंज, बांसी, बढ़नी और इटवा का भी यही हाल है। जबकि नियम यह है कि एक सेक्रेटरी पांच वर्ष से अधिक समय तक एक क्षेत्र में अपनी सेवा नहीं दे सकते। इस मामले में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह आदेश सराहनीय है। वह खुद ही लंबे समय से एक ही जगह काम कर रहे हैं, उन्हें यदि स्थानांतरित किया जाता है तो भी कोई बात नहीं। नियम के तहत सबको शासनादेश के मुताबिक स्थानांतरित किया जाना चाहिए। शासन ने कहा है कि पति-पत्नी दोनों के सरकारी सेवा में होने पर यथासंभव एक ही जिले में तैनाती दी जाएगी। दिव्यांगकर्मी या ऐसे जिनके आश्रित परिवारीजन दिव्यांग है, तो वे इस नीति के दायरे में नहीं आएंगे। ऐसे कर्मियों का तबादला गंभीर शिकायत या फिर अपरिहार्य कारणों से ही किया जाएगा। समूह ग के कर्मियों का प्रत्येक तीन साल पर पटल परिवर्तन करने के भी आदेश हैं। इसमें सौ से अधिक कर्मचारियों के बदले जाने की संभावना है।

सीडीओ पुलकित गर्ग ने कहा कि

शासनादेश के मुताबिक ऐसे लोगों की लिस्ट बनवाई जा रही है, जो लंबे समय से एक ही जगह तैनात है। क्रम बद्धता से उन्हें दूसरे जगह स्थानांतरित किया जाएगा, जिनकी एक ही जगह सेवा अधिक हो गई है। इस कार्य में पंद्रह दिन के समय लगेंगे।

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