बिना पार्किंग नगर पालिका हर साल करती लाखों की कमाई
नगर में प्रतिदिन वाहनों की तादाद बढ़ रही है। आज से 10 वर्ष पूर्व नगर में व्यवसायिक व निजी वाहनों की संख्या जो थी वह इस समय चार गुनी से ऊपर हो चुकी है। नगर में वैसे भी प्रतिदिन दो हजार से अधिक व्यवसायिक वाहनों का आवागमन होता है।
सिद्धार्थनगर : नगर में प्रतिदिन वाहनों की तादाद बढ़ रही है। आज से 10 वर्ष पूर्व नगर में व्यवसायिक व निजी वाहनों की संख्या जो थी वह इस समय चार गुनी से ऊपर हो चुकी है। नगर में वैसे भी प्रतिदिन दो हजार से अधिक व्यवसायिक वाहनों का आवागमन होता है। जिनसे नगर पालिका ठीकेदारी प्रथा से टैक्स भी वसूलती है। बावजूद कहीं भी इनके ठहराव की कोई व्यवस्था नहीं है। पार्किंग के अभाव में कामर्शियल व निजी वाहन सड़क पर ही खड़े होते होते हैं जिससे आए दिन जाम की समस्या से नगर जूझता है।
57 लाख में दिया गया ठीका
इस बार नगर पालिका पार्किंग शुक्ल वसूली का ठीका 57 लाख में दिया है। इस बार वाहनों से वसूली का रेट भी बढ़ा है। पहले टेंपों से तीस रुपये की वसूली होती थी अब 50 रुपये हो रही है। इसी प्रकार बसों व छोटे माल वाहनों से तीन सौ और ट्रकों से पांच सौ रुपये ठीकेदार के कर्मचारी वसूल रहे है।
शहर में सड़क पर हैं छह स्टैंड
नगर से बेलौहा, सिद्धार्थनगर, बस्ती एवं लखनऊ, डुमरियागंज, इटवा तथा धानी के लिए सवारियां लाने व ले जाने का कार्य निजी वाहन करते हैं। सभी वाहन नगर पालिका का कोई स्टैंड न होने के कारण अलग स्थानों पर सड़क के किनारे ही खडे़ होते हैं और उतारते व बैठाते हैं। इससे अक्सर जाम भी लगता है।
नगर पालिका अध्यक्ष मो. इदरीश पटवारी ने कहा कि नगर से विभिन्न जगहों के लिए जाने वाले यात्री वाहन जिन मार्गों पर खड़े होते हैं उन्हें उसी मार्ग पर आबादी से दूर खाली जगह चिह्नित कर स्टैंड के रूप में दिए जाने की दिशा में प्रयास चल रहा है। निकट भविष्य में नगर में बनने वाले भवनों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों के निर्माण की मंजूरी तभी दी जाएगी जब वह बेसमेंट में पार्किंग सुविधा देंगे। पुलिस क्षेत्राधिकारी, बांसी अरुण चंद ने कहा कि स्टैंड के अभाव में अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। जिनसे पुलिस कड़ाई से निपटती भी है। पर स्थायी समाधान नगर पालिका द्वारा वाहन पार्किंग स्थल बनाए जाने पर ही संभव है। वैसे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से इस संबंध में वार्ता कर यह जरूर करुंगा की जिस रोड़ के वाहन हैं वह उसी पर आबादी के बाहर खाली स्थान पर खडे़ हों।