कूड़ों के बीच चारे की तलाश में बेसहारा पशु

भनवापुर ब्लाक अन्तर्गत सोहना क्षेत्र में बेसहारा पशुओं को गोशाला नसीब नहीं हो रही है। सैकड़ों की संख्या में बेसहारा पशु खुले में घूम रहे हैं। आए दिन इनकी लाचार स्थिति नजर आती है जब कूड़ों के बीच यह अपना भोजन तलाश करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 12:17 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 12:17 AM (IST)
कूड़ों के बीच चारे की तलाश में बेसहारा पशु
कूड़ों के बीच चारे की तलाश में बेसहारा पशु

सिद्धार्थनगर : भनवापुर ब्लाक अन्तर्गत सोहना क्षेत्र में बेसहारा पशुओं को गोशाला नसीब नहीं हो रही है। सैकड़ों की संख्या में बेसहारा पशु खुले में घूम रहे हैं। आए दिन इनकी लाचार स्थिति नजर आती है, जब कूड़ों के बीच यह अपना भोजन तलाश करते हैं। यही नहीं पशुओं खेतों में जाते हैं तो फसल को लेकर किसान परेशान हो जाते हैं, राहगीर भी मुश्किल में होते हैं, कि कब वह किसी दुर्घटना का शिकार न हो जाएं।

सोहना व हटवा न्याय पंचायत क्षेत्र में बेसहारा पशुओं को ठिकाना नहीं मिल रहा है। जिसके चलते हथपरा, सोहना, बुढ़ऊ, सुकालाजोत, खरैली, साहेपारा, नक्थर देवरिया, बभनी, फूलपुर लाला आदि गांवों में जिधर देखो पशुओं का झुंड घूमता दिखाई दे जाता है। सड़क पर पशु पहुंचते हैं तो राहगीरों की सांसत हो जाती है। जब इनका रूख खेतों की ओर होता है तो किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। कुछ किसान कंटीले तार लगाकर खेतों की सुरक्षा करते हैं, ऐसे में अगर कोई पशु खेतों में घुसने का प्रयास करते हैं तो घायल हो जाता है। जिनके खेत में तार नहीं लगे हैं, वहां किसानों को अपनी फसल बचाने में पसीने छूट जा रहे हैं। किसानों में रामतेज भारती व राम सरन चौधरी ने बताया तमाम कोशिश के बाद भी बेसहारा पशु फसल को नुकसान पहुंचा दे रहे हैं। समीउल्लाह व राम धीरज ने कहा कि पशुओं को गो आश्रय व भोजन पानी की व्यवस्था कराने में जिम्मेदारों का रवैया उदासीन बना है। अमित कुमार व सोनू ने कहा कि कभी-कभी पशुओं की धमाचौकड़ी सड़कों पर होती है तो राहगीरों में खौफ छा जाता है कि कब कोई उनकी चपेट में न आ जाएं। क्षेत्रवासियों से प्रशासन से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है।

खंड विकास अधिकारी भनवापुर धनन्जय सिंह ने कहा कि सोहना न्याय पंचायत में नक्थर देवरिया व बभनी, हटवा के कठौतिया गोकुल और साहेपारा में गोशाला प्रस्तावित है। शीघ्र ही वहां निर्माण पूर्ण कराकर पशुओं को रखने की व्यवस्था बनाई जाएगी। भोजन, पानी की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

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