किचन गार्डन में करें सब्जियों की खेती
किचन गार्डन में सब्जियों की खेती किसानों के लिए बेहतर आमदनी का जरिया बन सकती है। कम लागत और थोड़ी जगह में ये खेती की जा सकती है। न केवल हर रोज ताजी सब्जियां खाने को मिलेंगी बल्कि इससे व्यवसाय भी किया जा सकता है।
सिद्धार्थनगर : किचन गार्डन में सब्जियों की खेती किसानों के लिए बेहतर आमदनी का जरिया बन सकती है। कम लागत और थोड़ी जगह में ये खेती की जा सकती है। न केवल हर रोज ताजी सब्जियां खाने को मिलेंगी, बल्कि इससे व्यवसाय भी किया जा सकता है।
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के कृषि प्रसार विशेषज्ञ डा. शेष नारायण सिंह का कहना है कि इस मौसम में हरी सब्जियों की खेती की जा सकती है। किसानों को चाहिए कि प्रतिदिन खाने के लिए किचन गार्डन में हरी साग जैसी सब्जियों की खेती करें। इससे मनुष्य के शरीर में विभिन्न प्रकार के मिनरल्स, विटामिंस की कमी की पूर्ति हो सकेगी। तमाम रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ जाएगी।
--
इस समय इन सब्जियों की करें खेती
इस समय उगाई जाने वाली पत्तेदार सब्जियों में सबसे अहम पालक, मेथी, सोया, धनिया आदि खेती मुख्य है। जिसमें पालक व मेथी बहुतायत मात्रा में उगाए जाती है। पत्तों वाली सब्जियों में कैल्सियम, आयरन, विटामिन ए, बी, व सी काफी मात्रा में पाया जाता हैं। पालक व मेथी की खेती हल्की मिट्टियों तथा ठंडे व शुष्क मौसम में अत्यधिक लाभप्रद होती हैं। दोनों सब्जियों को सितंबर के शुरू से लेकर महीने के आखिरी दिनों तक बोआई करनी चाहिए। इसकी उन्नत किस्में पालक-आल ग्रीन, पूसा ज्योति, पूसा हरित, मेथी-पूसा अर्ली बंनचिग व मेथी कसूरी हैं, जिसकी 6 से 7 कटाई कर सकते हैं दोनों फसलें 100-200 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार देती है। डा. सिंह ने बताया कि किसान खेत तैयार करते समय देसी खाद के साथ 130 से 140 किलो सिगल सुपर फासफेट तथा 25 से 30 किलो यूरिया खेत में डाल दें। ये बहुत लाभप्रद साबित होगी। किचन गार्डन की सब्जियों से फायदा ये होगा, कि प्रतिदिन घर से लिए ताजी सब्जियां मिला करेंगी तो बाजार भी इसकी बिक्री आसान रहेगी।