फसल अवशेष प्रबंधन से बढ़ती है खेतों की उर्वरा शक्ति

डुमरियागंज ब्लाक के मिरवापुर में जागरूकता अभियान के तहत इन सीटू फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत कृषि विज्ञानियों ने गुरुवार को किसानों को कृषि अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 12:46 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 12:46 AM (IST)
फसल अवशेष प्रबंधन से बढ़ती है खेतों की उर्वरा शक्ति
फसल अवशेष प्रबंधन से बढ़ती है खेतों की उर्वरा शक्ति

सिद्धार्थनगर : डुमरियागंज ब्लाक के मिरवापुर में जागरूकता अभियान के तहत इन सीटू फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत कृषि विज्ञानियों ने गुरुवार को किसानों को कृषि अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक किया। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या की ओर से संचालित इस अभियान में कृषि विज्ञान केंद्र सोहना से चलकर आए वैज्ञानिकों ने फसल अवशेष प्रबंधन पर अपनी बात रखी।

वरिष्ठ वैज्ञानिक डाक्टर ओम प्रकाश ने बताया कि अवशेष जलाने से पोषक तत्वों को नुकसान व मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव व पर्यावरण संबंधित दुष्परिणाम व अवशेषों को पशुचारा की समस्या उत्पन्न हो जाती है। औद्योगिक उपयोग के लिए इकट्ठा करना व फसल अवशेष जलाने से मृदा में होने वाली हानियों की विस्तृत जानकारी दी। चर्चा में वरिष्ठ वैज्ञानिक पशुपालन डाक्टर डीपी सिंह ने बताया कि पराली को खेत में सड़ा दिया जाए तो उर्वरकों की मात्रा को कम डाल कर अच्छा प्रोडक्शन गेहूं में ले सकते हैं। प्रोजेक्ट इंचार्ज कृषि वैज्ञानिक डा प्रदीप कुमार ने चर्चा में कहा कि किसी भी ²ष्टिकोण से फसल अवशेषों को जलाना उचित नहीं है, अत: किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के इस विकल्प पर अमल करने की जरूरत है। डा एसएन सिंह ने कहा कि संरक्षण कृषि प्रणाली का अंगीकरण व फसल विविधीकरण द्वारा अवशेष जलाने की समस्या से निजात मिल सकता है। डा मार्कंडेय सिंह ने फसल अवशेषों को मिट्टी में मिश्रित करने पर जोर दिया। विपिन कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, वीर बहादुर यादव, राम उजागिर चौधरी, देवेंद्र सिंह, सुनील गुप्ता आदि मौजूद रहे। अच्छे बीजों का प्रयोग कर बढ़ाएं उत्पादन सिद्धार्थनगर : प्राथमिक विद्यालय नडौरा में किसान पाठशाला का आयोजन किया गया। जिसमें किसानों की कृषि में आय दोगुना करने के तरीके बताए गए। उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छे बीज के साथ संतुलित उर्वरक प्रयोग करने की नसीहत दी गई।

कृषि विभाग के तकनीकी सहायक गौरव यादव ने बताया कि अब खेती करना बहुत आसान हो गया है। तमाम प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्र आ गए है। जिससे खेती बड़ी आसानी से किया जा रहा है। इस समय धान की फसल में कीड़े-मकोड़े लग रहे है। इससे बचाव करने के लिए दवा जरूर डालें। अच्छे बीजों का प्रयोग करना चाहिए। इस दौरान क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रतिनिधि संजय मिश्र,किसान महंथ प्रसाद उपाध्याय, नागेंद्र नाथ उपाध्याय, रामानंद, ओमकार,चन्द्रभान शर्मा, मोतीलाल आदि रहे।

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