नए का निर्माण, पुराने हो गए बेकार
स्वछता अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सरकार जहां सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही वहीं पूर्व बने यह शौचालय खंडहर हो कूड़ा घर बन गए हैं।
सिद्धार्थनगर : स्वच्छता अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सरकार जहां सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही वहीं पूर्व बने यह शौचालय खंडहर हो कूड़ा घर बन गए हैं। खेसरहा ब्लाक के ग्राम पंचायत सकारपार में वर्ष 1994 - 95 में लगभग 50 हजार की लागत से बने छह सीट वाला सामुदायिक शौचालय इसकी बानगी है।
मानक की अनदेखी कर बना यह शौचालय बनने के एक माह बाद ही निष्प्रयोज्य हो गया। घटिया निर्माण कार्य पर ग्रामीणों ने ऐतराज भी किया था और तत्कालीन बीडीओ से शिकायत भी की थी। ब्लाक स्तर से न तो कोई जांच की गई और न ही भुगतान रोका गया। अब यह खंडहर हो ढहने की कगार पर। गांवों से निकलने वाला कचरा सफाई कर्मियों द्वारा इसी के परिसर में डंप किया जा रहा। शौचालय में लगा फाटक व सीट पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया है।
खेसरहा के बीडीओ सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि इसमें क्या गड़बड़ी है यह कैसे ठीक हो सकता है। इस पर जानकारी लेकर इसे पुन: प्रयोग के लिए बनाया जाएगा।