समिति भवन बना खंडहर, सुविधाएं नदारद

खुनियांव विकास क्षेत्र के बल्लीजोत में किसानों को सुविधा देने के लिए बनी साधन सहकारी समिति अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। पूरा भवन खंडहर होकर निष्प्रयोज्य घोषित है। किराए के भवन से समिति का संचालन हो रहा है जहां से कभी कभार किसानों को खाद मिल जाती है लेकिन खरीफ और रबी के सीजन में इसे क्रय केंद्र नहीं बनाया जाता।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 11:34 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 11:34 PM (IST)
समिति भवन बना खंडहर, सुविधाएं नदारद
समिति भवन बना खंडहर, सुविधाएं नदारद

सिद्धार्थनगर : धान खरीद के लिए एजेंसियों के निर्धारण हो गया है, वहीं जर्जर साधन सहकारी समितियों पर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रही है। समितियों के जर्जर होने से यह न तो क्रय केंद्र बनते हैं और न ही यहां से लोगों को खाद, बीज और कीटनाशक ही मिलते हैं।

खुनियांव विकास क्षेत्र के बल्लीजोत में किसानों को सुविधा देने के लिए बनी साधन सहकारी समिति अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। पूरा भवन खंडहर होकर निष्प्रयोज्य घोषित है। किराए के भवन से समिति का संचालन हो रहा है जहां से कभी कभार किसानों को खाद मिल जाती है, लेकिन खरीफ और रबी के सीजन में इसे क्रय केंद्र नहीं बनाया जाता। क्रय केंद्र दूर बनाए जाने के चलते किसानों को अपनी उपज औने-पौने भाव बेचनी पड़ती है। विनय चौधरी, जिब्रिल, असगर, रामप्रताप आदि किसानों का कहना है कि समिति भवन न होने से किसानों को परेशानी हो रही है। समय पर खाद, बीज और कीटनाशक भी नहीं मिलता। समिति अध्यक्ष रामसरन ने कहा कि समिति की जर्जरता उच्चाधिकारियों को बताई गई है। शीघ्र ही समस्या का निदान होगा।

लाखों रुपये किए गए खर्च, नतीजा सिफर

ग्राम पंचायत के लोगों को जरूरी दस्तावेजों के लिए ब्लाक, तहसील के चक्कर न लगाना पड़े। इस उद्देश्य से शासन ने लाखों की लागत से ग्राम पंचायतों में मिनी सचिवालय का निर्माण कराया। उपधी खुर्द गांव में भी करीब एक दशक पूर्व मिनी सचिवालय बनाया गया। परंतु प्रयोग में लाए बिना भवन बदहाल होता जा रहा है। दिनों दिन इसकी स्थिति जर्जर होती जा रही है। खिड़की-दरवाजे गायब हो रहे हैं, मगर जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे हुए हैं।

प्राथमिक विद्यालय के बगल में वर्ष 2008-9 में करीब 10 लाख की लागत से मिनी सचिवालय का निर्माण कराया गया। मकसद था, कि ग्रामीण यहीं से परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत् बनवाने के साथ ही राशन कार्ड व खतौनी के लिए आवेदन कर सकेंगे। ग्रामीणों को ब्लाक व तहसील का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। ग्राम पंचायत की खुली बैठक भी इसी भवन में कराए जाने एवं विकास की योजनाएं बनाने का प्रावधान था। परंतु लाखों रुपये खर्च के बाद भी भवन बेमतलब साबित हो रहा है। बाबूलाल, मजीद अहमद, शकील, राम प्रसाद, राधेश्याम, राजेश कुमार, संदीप कुमार, शिवम आदि ने भवन की दशा सुधारने की दिशा में उचित कदम उठाए जाने की मांग की है। खंड विकास अधिकारी सुशील अग्रहरि ने कहा कि शीघ्र ही गांव में स्वयं बैठक करेंगे। मिनी सचिवालय की स्थिति कैसे सुधारी जाए, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

chat bot
आपका साथी