लंबे समय से गायब सफाईकर्मी होंगे निलंबित

सरकार के अथक प्रयास के बावजूद भी सफाई व्यवस्था में लगे कर्मियों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग रहा है। जिसके कारण ब्लाक क्षेत्र के कई गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। उदाहरण के तौर पर स्थानीय ब्लाक के बेतनार गांव को देखा जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:44 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:44 PM (IST)
लंबे समय से गायब सफाईकर्मी होंगे निलंबित
लंबे समय से गायब सफाईकर्मी होंगे निलंबित

सिद्धार्थनगर : सरकार के अथक प्रयास के बावजूद भी सफाई व्यवस्था में लगे कर्मियों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग रहा है। जिसके कारण ब्लाक क्षेत्र के कई गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। उदाहरण के तौर पर स्थानीय ब्लाक के बेतनार गांव को देखा जा सकता है। इस गांव की आबादी लगभग 9500 इतनी बड़ी आबादी के बावजूद इस गांव में केवल चार सफाई कर्मी लगाए गए। जबकि मानक के अनुसार नौ सफाईकर्मी होने ही चाहिए। आधे सफाई कर्मी होने के बावजूद भी गांव की सफाई का हाल यह है कि पंचायत चुनाव के बाद से तीन सफाई कर्मी गांव में सफाई के लिए नहीं गए। एक के सहारे काम जैसे तैसे चल रहा है। प्रधान प्रतिनिधि फरीद अहमद में कहा कि मैंने इन सफाई कर्मियों को कई बार फोन किया, लेकिन वह लोग आज तक नहीं आए। बीडीओ से शिकायत की है। बीडीओ भनवापुर धनंजय सिंह ने कहा कि प्रकरण जानकारी में है। शिकायती प्रार्थना पत्र भी मिला है, जिस पर मैंने निलंबन की कार्रवाई के लिए लिख दिया है। शीघ्र ही तीनों निलंबित होंगे। सुविधा के लिए गांव में अन्य सफाईकर्मी तैनात किए जाएंगे। नहीं की पड़ताल लगा दी रिपोर्ट

सिद्धार्थनगर : जनसुनवाई पोर्टल पर जन शिकायतों के निस्तारण में अधिकारी किस तरह गुमराह करते हैं, इसका उदाहरण एक सड़क से संबंधित शिकायत से देखा जा सकता है। स्थिति यह है कि शिकायतकर्ता निस्तारण की आस लिए इधर उधर भटक रहा है। उसे न्याय नहीं मिला।

मामला रंगरेजपुर गांव से संबंधित है।

बेवां भड़रिया मार्ग पर बयारा संपर्क मार्ग पर बन रही सड़क के ठीकेदार ने कृषि योग्य भूमि की 14 फीट चौड़ा और आठ फीट गहरा हिस्सा खोदकर सड़क को चौड़ी करने के लिए मिट्टी निकाल लिया। जिससे कृषि कार्य बाधित है। यहां के निवासी आल इण्डिया कांग्रेस कमेटी के मेम्बर डा. बख्तियार मसूद उस्मानी ने आइजीआरएस पर पांच जुलाई को शिकायत अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग से किया। नौ जुलाई को अधिशासी अभियंता निर्माण खंड बांसी लोक निर्माण विभाग को दिया गया। बिना स्थलीय परीक्षण कर रिपोर्ट किसी अन्य सड़क का लगाकर मामला निस्तारित कर दिया गया। अभी भी प्रार्थी न्याय की उम्मीद में बैठा है। उनका कहना है कि सिर्फ नाम की बात है कि आपने शिकायत की। निस्तारण का मसला बेलगाम हो चुके अधिकारी ही निपटा रहे जिससे न्याय की आस धुंधली हो रही है। विभाग को सड़क चौड़ीकरण के लिए खोदी गई जमीन का मुआवजा दे। एसडीएम त्रिभुवन ने कहा संबंधित विभाग से वार्ता की जाएगी कि चूक कैसे हुई।

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