स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण संरक्षण जरूरी

डा. सीमा मिश्रा ने कहा कि यह सभी को पता है कि पृथ्वी पर जीवन की परिकल्पना तभी संभव है जब हमारा पर्यावरण सुरक्षित हो। पर्यावरण हमारे आस-पास का वह परिवेश है जहां मनुष्य समेत जानवर और पेड़-पौधे रहते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 11:39 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 11:39 PM (IST)
स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण संरक्षण जरूरी
स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण संरक्षण जरूरी

सिद्धार्थनगर : सेंट्रल एकेडमी स्कूल, पकड़ी उसका बाजार, सिद्धार्थनगर के प्रधानाचार्य डा. सीमा मिश्रा ने कहा कि यह सभी को पता है कि पृथ्वी पर जीवन की परिकल्पना तभी संभव है, जब हमारा पर्यावरण सुरक्षित हो। पर्यावरण हमारे आस-पास का वह परिवेश है, जहां मनुष्य समेत जानवर और पेड़-पौधे रहते हैं। मानव समाज हमेशा एक ऐसे वातावरण में रहना पसंद करते हैं, जो सुरक्षित व सरल हो। ऐसे में सवाल है कि पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए क्या पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं? हम जिन वस्तुओं की कीमत अदा करते हैं केवल उन्हीं वस्तुओं की कद्र करते है। जो भी संसाधन धरती पर हमें बिना कीमत के मिलता है, वो सब प्रकृति से ही मिलता है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि प्रकृति को सुरक्षित रखा जाय। आज के आधुनिक युग में समय-समय पर प्रकृति का विनाशकारी रूप देखने को मिल रहा है। जिसका मुख्य कारण पर्यावरण का दोहन होना है। विनाशकारी रूप हमें भूकंप, बाढ़, सूखा व कई अन्य आपदाओं के रूप में चुकाना पड़ रहा है। आज के दौर में महामारी बीमारियों का फैलना भी कहीं न कहीं पर्यावरण से खिलवाड़ का नतीजा है। प्रदूषण के कारण धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। परिणामस्वरूप कुछ वनस्पतियां, जीव- जंतु विलुप्त हो गए हैं और कई विलुप्त होने की कगार पर खड़े हैं। जिसका मुख्य कारण है मानव और उसका स्वार्थ। बढ़ते तकनीकी के साथ साथ मानव इतना स्वार्थी हो गया है कि आज ऐसी कोई चीज नहीं, जिसका मानव ने व्यापार न किया हो। यहां तक कि पानी और हवा भी इससे अछूती नहीं रही। नदियों की स्थिति भी बहुत गंभीर है। पर्यावरणीय दोहन के कारण नदियों की मुख्य धारा में परिवर्तन हो गया है। प्रति वर्ष इनका रिक्तिकरण तीव्र गति से हो रहा है। अगर हम पेयजल की बात करें तो इसकी मात्रा भी तीव्र गति से खत्म होने के कगार पर है। ऐसे में अगर हालात में सुधार नहीं हुए तो प्रकृत का और भयानक रूप देखने को मिल सकता है। हमने विज्ञान में अभूतपूर्व उन्नति की है लेकिन विज्ञान और तकनीकी में उन्नति के साथ साथ मानव पर्यावरण से उतना ही दूर होता जा रहा है। सभी को यह समझना होगा कि हमारा प्राकृतिक परिवेश के साथ बहुत घनिष्ठ संबंध है। इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि हमारा शरीर जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि व आकाश आदि पांच तत्वों से बनता है और अंत में इसी में विलीन हो जाता है। प्रकृति के बिना जीवन की कल्पना नही की जा सकती। पर्यावरण संरक्षण का उपाय जीवन जीने का सचेतन तरीका है। विद्यालयों में बच्चों को पर्यावरण के संबंध में जागरूक करना शिक्षकों व अभिभावकों की जिम्मेदारी है। पर्यावरण संरक्षण के लिए छोटे-छोटे उपाय व उनकी महत्ता बच्चों को समझाना होगा। बच्चों को पौधरोपण करना,प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करना, वर्षा जल संरक्षण की महत्ता समझाया जाना चाहिए। ताकि उनके सोचने व कार्य करने के तरीके पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल हो। बेहतर होगा कि हम बच्चों को ये सब विचारों से समझाएं। बच्चा हमें, आपको देखेगा तो खुद सीखेगा। हमें सदैव याद रखना है कि वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं का भविष्य की पीढि़यों की आवश्यकताओं से समझौता किए बिना पूरा करना है।

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