स्कूली बच्चों ने दिए सामाजिक समरसता का संदेश

अष्टमी के दिन कंपोजिट विद्यालय मधुबेनिया के छात्र व छात्राओं ने नौ दुर्गा के स्वरूप का भावपूर्ण मंचन किया। बचों ने अपने इस कार्यक्रम से सामाजिक समरसता का संदेश देने का कार्य किया है। कथानक व प्रस्तुतिकरण की जिम्मेदारी स्कूल की शिक्षिका ने संभाला।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 01:40 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 01:40 AM (IST)
स्कूली बच्चों ने दिए सामाजिक समरसता का संदेश
स्कूली बच्चों ने दिए सामाजिक समरसता का संदेश

सिद्धार्थनगर : अष्टमी के दिन कंपोजिट विद्यालय मधुबेनिया के छात्र व छात्राओं ने नौ दुर्गा के स्वरूप का भावपूर्ण मंचन किया। बच्चों ने अपने इस कार्यक्रम से सामाजिक समरसता का संदेश देने का कार्य किया है। कथानक व प्रस्तुतिकरण की जिम्मेदारी स्कूल की शिक्षिका ने संभाला।

कंपोजिट विद्यालय मधुबेनिया में चार वर्ष पूर्व नवरात्र में नाट्य मंचन की परंपरा शुरू हुई। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद था। इसलिए उस समय यह कार्यक्रम बाधित हुआ। अब जब स्कूल दोबारा खुला तो शिक्षिकाओं ने छात्र व छात्राओं को नाट्य मंचन के लिए तैयार किया। नौ बालिकाओं ने नौ दुर्गा के स्वरूप का धारण किया। पहले दिन शैलपुत्री, फिर ब्रह्माचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, व महागौरी का मंचन किया गया। बच्चों ने मंत्रों का उच्चारण किया। प्रधानाध्यापक शब्बीर अहमद अंसारी के साथ सारिका श्रीवास्तव, ममता गुप्ता, गीता यादव, रीता यादव, ज्योति गुप्ता, प्रतिभा सिंह, प्रमिला श्रीवास्तव, विजयलक्ष्मी, किरन दुबे, कृष्णा कुमारी, संजय कुमार, अनिल यादव आदि ने पटकथा लेखन व रुपसज्जा आदि कार्य किए।

इन्होंने निभाया किरदार

कक्षा सात की छात्रा सोनी दुर्गा बनी। इसके अलावा बबिता, अर्चना, हबीबा, रुकमणी, साक्षी, हर्षिता और शिवानी ने देवी के अन्य स्वरूप के किरदार को निभाया। अकरामुद्दीन ने शेर जबकि मोहम्मद अरबाज ने महिषासुर की भूमिका अदा की।

प्रधान वजहुल कमर ने कहा कि विद्यालय में नवरात्र पर नाट्य मंचन करने की परंपरा रही है। इस बार भी बच्चों ने नाट्य मंचन किया। गांव के लोग इसे देखने के लिए आते हैं। स्कूल के बच्चे लोगों को आपस में सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने का संदेश दे रहे हैं।

267 विद्यालयों में बालिकाएं सीखेंगी आत्मरक्षा के गुर

सिद्धार्थनगर : छात्राओं को आत्मरक्षा में प्रशिक्षित करने के लिए जिले में संचालित 267 उच्च प्राथमिक स्कूलों में बालिकाओं को रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण मिलेगा। चिह्नित स्कूलों में प्रशिक्षण कार्य पूरा होने के बाद बालिकाएं आत्मरक्षा में सशक्त होंगी। प्रशिक्षक के रूप में पूर्व से कार्यरत स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों की मदद ली जाएगी। 89-89 स्कूलों को तीन चरण में विभाजित करते हुए प्रशिक्षण का रोस्टर तैयार किया जाएगा।इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने बुधवार को सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा। चयनित विद्यालयों ़के छात्राओं को 25 दिन का विशेष आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिलाने के साथ स्वच्छता, सुरक्षा व शिक्षा के महत्व पर जागरूक किया जाएगा। बीएसए ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रतिदिन का फोटोग्राफ्स कार्यालय भेजने के साथ ही पंजीकृत छात्राओं को जागरूक कर प्रत्येक दशा में नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कराने का निर्देश दिया है। बीएसए ने कहा ़िक मिशन शक्ति के तहत बालिकाओं को आत्मरक्षा में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद बालिकाओं का मनोबल बढ़ेगा। प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं को हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी के साथ बालिका शिक्षा के लिए संचालित योजनाओं की भी जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लापरवाही नहीं हो इसके लिए नियमित निगरानी का प्रबंध किया जा रहा है।

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प्रशिक्षकों को मिलेगा मानदेय

जिला समन्वयक बालिका शिक्षा सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने तथा प्रशिक्षकों को मानदेय भुगतान के लिए तीन हजार रुपये संबंधित विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेजा गया है। अंतरित राशि में एक हजार रुपये से बैनर, प्रमाण पत्र तैयार करने के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्रा को पुरस्कृत करने तथा दो हजार रुपये प्रशिक्षक को मानदेय के रूप में दिया जाएगा।

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