अभ्यर्थियों का तीन दिवसीय धरना समाप्त

69000 वाली शिक्षक भर्ती में बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी छूट गए जो टीईटी में अधिक अंक पाए हैं लेकिन प्राप्तांकों का गुणांक कम होने के चलते वंचित रह गए। आरोप है कि उस भर्ती में ऐसे लोगों को चयनित किया गया जिनके नंबर उनसे काफी कम थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 10:37 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 10:37 PM (IST)
अभ्यर्थियों का तीन दिवसीय धरना समाप्त
अभ्यर्थियों का तीन दिवसीय धरना समाप्त

सिद्धार्थनगर : शिक्षक भर्ती में पदों को जोड़ने की मांग लेकर तहसील क्षेत्र के अभ्यर्थियों ने अपने- अपने आवासीय परिसर में धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। तीन दिन से चल रहे इस धरने का समापन एसडीएम डुमरियागंज के हस्तक्षेप पर रविवार को हुआ।

69000 वाली शिक्षक भर्ती में बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी छूट गए जो टीईटी में अधिक अंक पाए हैं, लेकिन प्राप्तांकों का गुणांक कम होने के चलते वंचित रह गए। आरोप है कि उस भर्ती में ऐसे लोगों को चयनित किया गया, जिनके नंबर उनसे काफी कम थे। इन लोगों की मांग है कि पिछली भर्ती के छूटे अभ्यर्थियों के 22000 पद नई भर्ती में पहले उन्हीं से भरे जाएं, क्योंकि वह पहले से पात्र हैं। शुक्रवार से अपनी इसी मांग को लेकर अभ्यर्थी वर्चुअल धरना दे रहे थे। धर्मेंद्र,नितेश सिंह, विकास गुप्ता, हिमांशु दुबे, अजीत, आरती आदि शामिल रहे। रविवार शाम एसडीएम त्रिभुवन ने अभ्यर्थियों से बात की संक्रमणकाल में सहयोग की जरूरत बताते हुए धरना समाप्त कराया।

गंदगी ऐसी कि सुकून की सांस लेना दूभर

खुनियांव विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरगदवा पश्चिम में सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। कोरोना का संक्रमण बढ़ा हुआ है, ऐसे में स्वच्छता पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है पर यहां की स्थिति बद से बदतर है। नालियां बजबजा रही हैं तो सड़क पर गंदा पानी बहता है। गंदगी ऐसी कि सुकून की सांस लेना दूभर रहता है।

गांव में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सर्वाधिक खराब स्थिति जगदीश सोनी के घर से राम तीरथ त्रिपाठी के घर से होते हुए पांचू बाबा के घर तक की है। यहां नाली उफनाई रहती है, तो मुख्य मार्ग पर गंदा पानी पसरा रहता है। आवागमन में राहगीरों को दिक्कतें हो रही हैं तो दुर्गंध ऐसी उठती है कि आसपास के लोगों को सुकून की सांस लेना दूभर रहता है। यहां की सफाई पर जिम्मेदारों का रवैया उदासीन है। सफाई कर्मी का पता नहीं रहता है, तो ब्लाक प्रशासन रोस्टर के तहत सफाई कराने में भी कोई रुचि नहीं दिखा रहा है। कोरोना के चलते वैसे ही ग्रामीण दहशत में रहते हैं। गंदगी से कब यहां महामारी फैल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

रामजी त्रिपाठी, राम निवास त्रिपाठी, शैलेश कुमार त्रिपाठी, मोहम्मद मुश्ताक, पांचू बाबा, रहीम, भोलू तिवारी, मुसई विश्वकर्मा, केसरी प्रसाद, माता प्रसाद सोनी, पंकज उपाध्याय आदि ब्लाक सहित जिला प्रशासन से समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। एडीओ पंचायत मोहनलाल ने कहा कि पता करते हैं, फिर समस्या समाधान की दिशा में जो आवश्यक कदम होंगे, उठाए जाएंगे।

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