दास्तान गोई की प्रस्तुति देख मंत्रमुग्ध हुए लोग
कपिलवस्तु महोत्सव के पहले दिन शनिवार को लोहिया कलाभवन में महफिल-ए-दास्तान गोई कार्यक्रम हुआ। मशहूर दास्तान गो दानिश हुसेन ने अपने हुनर का जादू पेश किया। अंतरराष्ट्रीय दास्तान गो और थियेटर कलाकार दानिश हुसेन ने एक लंबी और दिलचस्प कहानी को नाटकीय अंदा•ा में सुनाया।
सिद्धार्थनगर : कपिलवस्तु महोत्सव के पहले दिन शनिवार को लोहिया कलाभवन में महफिल-ए-दास्तान गोई कार्यक्रम हुआ। मशहूर दास्तान गो दानिश हुसेन ने अपने हुनर का जादू पेश किया। अंतरराष्ट्रीय दास्तान गो और थियेटर कलाकार दानिश हुसेन ने एक लंबी और दिलचस्प कहानी को नाटकीय अंदा•ा में सुनाया। श्रोताओं से खचाखच भरे लोहिया कलाभवन में सभी उसके तिलिस्म में खो गए। दानिश हुसेन ने कहानी के विभिन्न किरदारों का ड्रामाई प्रस्तुतिकरण कर समां बांधा। संगीतकार तुषार कदम ने तबले पर संगत देकर कार्यक्रम को रोचक बनाया। करीब तीन घंटे चली दास्तान गोई में पुराने दौर के जादूगरों और अय्यारों के किस्से प्रस्तुत किए गए। दानिश हुसेन के जादुई कला की प्रशंसा की।
दास्तान गो दानिश हुसेन ने सबसे पहले दुनिया की सबसे पुरानी कहानी-रामभजन और रामकथा सुनाई। आठ मिनट के इस किस्सा में बताया कि पति और पत्नी के बीच संदेह के बीज कैसे अंकुरित होते हैं। अगर दंपती समझदारी से काम लेता है तो यह बढ़ने वाली दूरियां समाप्त हो सकती है। थियेटर कलाकार ने बताया कि दास्तान गोई की परंपरा अरब से हिदुस्तान में आई और मशहूर हुई। पंडित देवकीनंदन खत्री ने अरब की मशहूर दास्तान ए अमीर हम्जा पर आधारित तिलिस्मी कथा श्रृंखला चंद्रकांता लिखी है। इस पुस्तक ने लोकप्रियता हासिल की है। कालानमक चावल का स्वाद चखने की अभिलाषा सिद्धार्थनगर : पदमश्री पुरस्कार प्राप्त राजस्थानी लोक कलाकार गुलाबो ने कहा कि पहली बार सिद्धार्थनगर आने का मौका मिला है। गौतम बुद्ध के प्रति अगाध आस्था है। काला नमक चावल के संबंध में काफी सुना है। स्तूप दर्शन व काला नमक चावल का स्वाद चखने की अभिलाषा है। इसे पूरा करने का पूरा प्रयास करुंगी। रविवार की सुबह कपिलवस्तु स्तूप का दर्शन करने की इच्छा है। काला नमक चावल का भी स्वाद लेंगे। कपिलवस्तु महोत्सव में राजस्थान का सुप्रसिद्ध नृत्य घूमर प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा सपेरा नृत्य, ग्रामीण मवई, छेरी डांस भी करेंगी।
वह रविवार की शाम को कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए आई हैं। नौगढ़ के सनई चौराहा स्थित एक होटल में जागरण से हुई बातचीत में कहा कि जन्म राजस्थान के मेवाड़ में हुआ है। सात वर्ष की आयु में पहली बार पुष्कर मेला में कार्यक्रम दिया था। नागपंथ के सपेरा समुदाय की पहली महिला हूं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। अभी तक 165 देशों में राजस्थानी लोक नृत्य का प्रदर्शन कर चुकी हूं। अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन आदि देश में हुए इंडिया फेस्टिवल में प्रतिभाग करने का गौरव मिला है। वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी वर्ष लखनऊ में हुए कार्यक्रम में सम्मानित किया था।