असामाजिक तत्वों ने तोड़ी आंबेडकर प्रतिमा की अंगुली

डुमरियागंज थाना क्षेत्र के गौराही बुजुर्ग गांव के प्रवेश द्वार पर लगी डा.भीमराव आंबेडकर के प्रतिमा की अंगुली किसी ने तोड़ दी। जिसकी जानकारी होने पर शनिवार की शाम आसपास के लोग एकत्र होकर कार्रवाई की मांग करने लगे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 01:02 AM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 01:02 AM (IST)
असामाजिक तत्वों ने तोड़ी आंबेडकर प्रतिमा की अंगुली
असामाजिक तत्वों ने तोड़ी आंबेडकर प्रतिमा की अंगुली

सिद्धार्थनगर : डुमरियागंज थाना क्षेत्र के गौराही बुजुर्ग गांव के प्रवेश द्वार पर लगी डा.भीमराव आंबेडकर के प्रतिमा की अंगुली किसी ने तोड़ दी। जिसकी जानकारी होने पर शनिवार की शाम आसपास के लोग एकत्र होकर कार्रवाई की मांग करने लगे। ग्रामीण पहले गिरफ्तारी पर अड़े हुए हैं, और वहीं धरने पर बैठ गए हैं। पुलिस इन्हें मनाने में जुटी है। मूर्ति की मरम्मत कराने का भी आश्वासन दिया।

परसा चौराहे से कोहलडीह जाने वाले मुख्य मार्ग के बगल स्थित उक्त गांव का प्रवेश द्वार बना है। जिस परिसर में आंबेडकर की मूर्ति लगी है। ग्रामीणों के अनुसार यह स्पष्ट नहीं की अंगुली कब टूटी और किसने तोड़ी। मामले की गंभीरता को देख घटना स्थल पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। एसडीएम डुमरियागंज अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सूचना मिली है। एसडीएम के साथ मौके पर पहुंच रहा हूं। अध्यक्ष बनने का मुद्दा गरमाया, थाने में पंचायत

सिद्धार्थनगर : शनिवार को श्री दुर्गा पूजा सेवा संचालन समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को लेकर उत्पन्न विवाद को थाना में हुई पंचायत में सुलझाया गया। सभी ने नवनिर्वाचित रामसेवक गुप्ता को ही अध्यक्ष माना। दरअसल, शोहरतगढ़ में श्री रामजानकी मंदिर समिति ने प्रतिवर्ष की भांति सात अक्टूबर को श्री दुर्गा पूजा सेवा संचालन समिति के चुनाव को लेकर मंदिर में बैठक बुलाई थी। इसमें लोगों ने रामसेवक गुप्ता को अध्यक्ष चुना है, जबकि चेयरमैन प्रतिनिधि सौरभ गुप्ता अध्यक्ष बनना चाह रहे थे। यह निर्णय सौरभ को नागवार गुजारा और अपने समर्थकों को लेकर नई कमेटी गठित की। शोहरतगढ़ पुलिस ने शनिवार की सुबह 11 बजे दोनों कमेटी को बुलाकर चार घंटे तक पंचायत की। एसडीएम शिवमूर्ति सिंह, सीओ राणा महेंद्र प्रताप सिंह मौजूद रहे। नई कमेटी चेयरमैन प्रतिनिधि सौरभ गुप्ता को अध्यक्ष पद छोड़ कर अन्य पद देने को तैयार थी। लेकिन वह अध्यक्ष के लिए अड़े थे। जबकि बुजुर्गों का कहना था कि इनके नेतृत्व में चलना असंभव है। हालांकि दोनों गुटों में थाने में ही तकरार होती रही। कई बार सीओ व एसओ को डांटना पड़ा। इसके बाद सौरभ गुप्ता को सह अध्यक्ष बनाया गया। थानाध्यक्ष राजेंद्र बहादुर सिंह, किशोरी लाल गुप्ता, अभय प्रताप सिंह, राम उजागिर तिवारी, श्याम सुंदर चौधरी,मनोज गुप्ता, रवि अग्रवाल, कृष्ण कुमार अग्रवाल, श्रवण पटवा, शिव प्रसाद वर्मा, सतीश मित्तल, सोनू निगम, राजकुमार मोदनवाल आदि मौजूद रहे।

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