इधर किसानों की गोष्ठी उधर प्रदर्शन
एक तरफ बुधवार को कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित के लिए लोहिया कला भवन में कृषि गोष्ठी का आयोजन किया गया। वहीं दूसरी तरफ कृषि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में किसान कृषि भवन पर धरने पर बैठे रहे।
सिद्धार्थनगर: एक तरफ बुधवार को कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित के लिए लोहिया कला भवन में कृषि गोष्ठी का आयोजन किया गया। वहीं दूसरी तरफ कृषि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में किसान कृषि भवन पर धरने पर बैठे रहे। धरने पर बैठे भाकियू के किसानों का कहना था कि कृषि विभाग में जिस तरह से भ्रष्टाचार व्याप्त है, उससे किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि कृषि गोष्ठी के दौरान ही किसानों के हित में चलाई जा रही सरकारी योजनाओं पर चर्चा करते हुए किसानों को लाभ लेने के लिए प्रेरित करने की बात की गई।
जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता/फसल अवशेष प्रबंधन गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में जो भी योजनाएं चल रही हैं। विभाग के अधिकारी उसका पूरा लाभ किसानों को दिलवाएं। किसानों के हर समस्या का समाधान होगा। डुमरियागंज विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह और चौधरी अमर सिंह ने भी किसानों के हित की बात की। सभी ने किसानों के हित में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की खूब बखान की। साथ किसानों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित भी कर रहे थे। जिससे कि किसान अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ उठाकर स्वयं को स्वावलंबी बन सकें। लेकिन भाकियू संगठन से जुडे किसानों को यह रास नहीं आया और सभी ने अपनी मांगों को लेकर कृषि भवन में धरना प्रदर्शन कर शुरू कर दिया। जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार पांडेय, राकेश श्रीवास्तव, नरसिंह, प्रदीप कुमार आदि पदाधिकारियों ने कहा कि कृषि भवन में योजनाओं का लाभ देने के लिए सुविधा शुल्क की मांग की जाती है। जबकि नेताओं व अधिकारियों द्वारा द्वारा किसानों के हित में तमाम बातें की जाती हैं जो जमीन पर कहीं नहीं दिखती है। जबकि कृषि गोष्ठी में जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों ने किसानों की आय बढ़ाने के उपाय सुझाएं। गोष्ठी का संचालन जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने किया। गोष्ठी में जिलाधिकारी दीपक मीणा, सीडीओ पुलकित गर्ग, उप निदेशक कृषि एलबी यादव, भूमि संरक्षण अधिकारी नरेंद्र त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। जबकि कृषि भवन पर धरने में पवन कुमार, उपेन्द्र कुमार, घनश्याम चौरसिया, गजराज चौधरी, रामपति मौर्या आदि थे।