सजी दुकानें, ईद मीलादुन्नबी कल

पैगबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा का जन्म दिवस 12 रबी अव्वल मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन मनाए जाने वाले ईद मिलादुन्नबी त्योहार की तैयारी नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 11:06 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 11:06 PM (IST)
सजी दुकानें, ईद मीलादुन्नबी कल
सजी दुकानें, ईद मीलादुन्नबी कल

सिद्धार्थनगर : पैगबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा का जन्म दिवस 12 रबी अव्वल मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन मनाए जाने वाले ईद मिलादुन्नबी त्योहार की तैयारी नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू हो गई है। पर्व में अब जबकि मात्र दो दिन का समय बाकी है, इसलिए हर कोई उत्साह में दिखाई दे रहा है। पिछले वर्ष कोरोना संकट के चलते त्योहार काफी फीका था। कोविड प्रोटोकाल के बीच कार्यक्रम मस्जिदों एवं घरों में मनाया गया था। परंतु इस बार इसका उत्साह अभी दिखाई देने लगा है। रबीअव्वल का चांद होने के साथ ही इटवा कस्बे से लेकर ग्रामीण अंचल में इसकी तैयारी देखने को मिल रही है। जगह-जगह जहां दुकानें सज गई हैं। मदरसों व मस्जिदों में भी ईद मिलादुन्नबी की तैयारी देखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में पिपरी, कठेला, चेचराफ, बंधू डीह, पंडित डीह, भावपुर, भदोखर आदि स्थानों पर त्योहार को लेकर तैयारी चरम पर दिखाई दे रही है। हर किसी का इंतजार 12 रबी अव्वल का है, जिस दिन भव्य जुलूस निकलना है। जश्न-ए-जेहरा पर हर तरफ छाई रही खुशी सिद्धार्थनगर : शनिवार की रात कस्बा हल्लौर स्थित इमामिया मकतब में जश्न-ए-जेहरा व ताजपोशी इमाम-ए-जमाना प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस मौके पर महफिल आयोजित हुई। जिसमें हर तरफ खुशी का माहौल छाया रहा। कार्यक्रम के तहत गांव के मध्य स्थित दरगाह के दरवाजे पर की गई सजावट देखने के लायक रही। आतिशबाजी का दौर देर रात तक चलता रहा।

रात करीब आठ बजे कार्यक्रम की शुरूआत कलाम पाक की तिलावत से हुई। जिसके बाद नात-ए-पाक पढ़ी गई। फिर शायरों ने जो अपने-अपने कलाम पेश करना शुरू किए तो उसका सिलसिला 12 बजे रात तक चलता रहा। आखिर में मौलाना मो. हसन, मौलाना महफूज, मौलाना तफसीर व जाकिर जमाल हैदर ने महफिल को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपना किरदार ऐसा बनाना चाहिए कि इमाम जमाना उसको देख कर खुश हो जाएं। संचालन अफसर मेंहदी ने किया। महफिल में नायाब हल्लौरी, खुर्शीद जफर, शमशाद, सावन, आले रजा, तंजीम, मेराज, मेहदी, हानी, सज्जाद, नफीस, साबिर, कमर, कायनात, अजीम, अमानत अब्बास, शान, रेहान, मुमताज, आरजू, फलक, अनवर अब्बास आदि शायरों ने जश्न-ए-जेहरा पर अपने-अपने कलाम पेश किए। इमाम हैदर द्वारा सभी लोगों के प्रति शुक्रिया अदा किया गया।

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