सभ्यता की समीक्षा है रामधारी सिंह दिनकर का साहित्य

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में गुरुवार को हिदी संकाय ने दो कार्यक्रम आयोजित किए। दिनकर जयंती पर संगोष्ठी हुई। हिदी पखवाड़ा के दसवें दिन पत्र लेखन की कार्यशाला की गई। छात्र व छात्राओं को पत्र लेखन की विधि बताई। त्रुटियों को इंगित किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 01:44 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 01:44 AM (IST)
सभ्यता की समीक्षा है रामधारी सिंह दिनकर का साहित्य
सभ्यता की समीक्षा है रामधारी सिंह दिनकर का साहित्य

सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में गुरुवार को हिदी संकाय ने दो कार्यक्रम आयोजित किए। दिनकर जयंती पर संगोष्ठी हुई। हिदी पखवाड़ा के दसवें दिन पत्र लेखन की कार्यशाला की गई। छात्र व छात्राओं को पत्र लेखन की विधि बताई। त्रुटियों को इंगित किया।

विभागाध्यक्ष हिदी संकाय प्रो. हरीशकुमार शर्मा ने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर उदात्त चेतना के बड़े कवि हैं। इनकी रचना साहित्य का दर्शन कराती है। आचार्य हिदी विभाग डा. सतेंद्र कुमार दुबे ने कहा कि दिनकर का साहित्य सभ्यता की समीक्षा है। इन्होंने साहित्य को नया आयाम देने का काम किया है। डा. जयसिंह यादव ने कहा कि धर्म आधारित समाज की स्थापना में दिनकर ने प्रेम की केंद्रीय भूमिका बताई है। डा. रेनू त्रिपाठी ने कहा कि दिनकर ने महाभारत के चरित्रों को युगीन संदर्भो से जोड़ने का काम किया। जो आज की परिस्थितियों में दिखाई पड़ते हैं। पत्र लेखन कार्यशाला में कार्यक्रम संयोजक डा. रेनू त्रिपाठी ने कहा अक्सर इंटरमीडिएट व स्नातक उत्तीर्ण छात्रों के प्रार्थना पत्रों में त्रुटियां मिलती हैं। इन त्रुटि को दूर करने के लिए नया प्रयोग शुरू किया जा रहा है। संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डा. धर्मेंद्र ने अवकाश, प्रशासनिक, आमंत्रण, निमंत्रण आदि पर पत्र लेखन की विधि बताई। प्रो. हरीश शर्मा ने पत्र लेखन की सार्थकता और उपयोगिता को बताया। आचार्य डा. सत्येंद्र दुबे, डा. आभा द्विवेदी, डा. जयसिंह यादव, डा. मयंक कुशवाहा, डा. देवबख्श सिंह, डा. कपिल गुप्ता, डा. अविनाश प्रताप सिंह, हरेंद्र शर्मा, विशाल पांडेय, आमिर खान, रूपाली, प्राची वर्मा, लक्ष्मी यादव, सुप्रिया श्रीवास्तव, अंकिता श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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