बघिनी घाट पुल निर्माण के लिए 4.84 करोड़ मिले

धार्मिक महत्व के बघिनी घाट पर पुल निर्माण के लिए शासन ने 19 करोड़ 38 लाख 49 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत करते हुए चार करोड़ 84 लाख रुपये की प्रथम किस्त रिलीज कर दिया है। जिसकी खबर मिलते ही क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 10:28 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 10:28 PM (IST)
बघिनी घाट पुल निर्माण के लिए 4.84 करोड़ मिले
बघिनी घाट पुल निर्माण के लिए 4.84 करोड़ मिले

सिद्धार्थनगर: राप्ती नदी के तट पर स्थित धार्मिक महत्व के बघिनी घाट पर पुल निर्माण के लिए शासन ने 19 करोड़ 38 लाख 49 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत करते हुए चार करोड़ 84 लाख रुपये की प्रथम किस्त रिलीज कर दिया है। जिसकी खबर मिलते ही क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। गत 23 नवंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके पुल के स्वीकृत होने की जानकारी दी थी। दैनिक जागरण उक्त समस्या को बार-बार उठाता रहा है।

त्वरित विकास आर्थिक योजना 2020 -21के तहत स्वीकृत किए गए पुल का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम तथा संपर्क मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव विवेक ने विगत 14 जनवरी को जिलाधिकारी दीपक मीणा को पत्र लिखकर इस संबंध में कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। आधी सदी से क्षेत्र के पुल निर्माण की मांग को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह की पहल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पौराणिक धार्मिक महत्व के स्थल पर सेतु निर्माण को मंजूरी दी थी। प्रथम किस्त आ जाने से इसके निर्माण का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है, जिससे क्षेत्रीय लोग अभिभूत हैं। इसे लेकर बिमौआ निवासी जनार्दन त्रिपाठी 15 से 20 गांवों के ग्रामीणों के साथ एक दशक से से संघर्ष करते रहे। कुंवर विक्रम सिंह, मौलेश्वरनाथ त्रिपाठी ,रमेश धर द्विवेदी, नीरज मणि त्रिपाठी, श्याम पाठक आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए विधायक व मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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एक पखवारे बाद होगा भूमि पूजन

पथरा: विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि हमारे क्षेत्र की जनता के मार्ग पर सहृदयता दिखाने के लिए हम मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो एक पखवारे के बाद पुल के निर्माण हेतु भूमि पूजन का कार्यक्रम होगा ,और इसी के साथ निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

29 करोड़ से बनी सड़क, जर्जर हाल में छोड़ दिया पुल

सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र की सड़कें ही नहीं पुल भी जर्जर होने की कहानी बयां कर रही है। डुमरियागंज- बांसी मार्ग 29 करोड़ रुपये की लागत से उच्चीकृत हो रहा है। इस मार्ग पर पड़ने वाले एक दर्जन पुल अपने पुराने रूप में ही हैं। इन पुलों के उच्चीकरण की जरूरत नहीं समझी गई। इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 2014 में डुमरियागंज से चंद्रदीप घाट तक सड़क निर्माण कराया गया था और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को हैंडओवर भी कर दिया गया, लेकिन पुल जर्जर ही रह गए हैं। डुमरियागंज चंद्रदीप घाट मार्ग के बीच मुगलपुरवा चौराहे के पास बनी पुरानी पुलिया करीब दस महीने पहले टूट गई। यही नहीं चंद्रदीप घाट पर बने पुल में बड़ा होल हो गया था जिसमें मिट्टी डालकर किसी तरह लोग आ जा रहे हैं, यह सड़क डुमरियागंज से गौराचौकी होते हुए अयोध्या तक जाती है। इस पर वाहनों का आवागमन बराबर बना रहता है। पुलिया टूटने की सूचना पर विभागीय अधिकारियों ने पुल के होल में ईट का रोड़ा भरवा दिया था। किसी तरह आवागमन चल रहा था फिर दो माह से पुल में दूसरा होल बन गया है। उमाशंकर पटेल, सुरेन्द्र अग्रहरि, ध्रुप वर्मा, साहब अली, सतीराम, इकबाल, इरफान, सूर्यनाथ सिंह आदि लोगों ने जल्द से जल्द जर्जर पुलों को दुरुस्त कराने की मांग की है। अधि अभियंता राजेश कुमार बांसी ने बताया कि डुमरियागंज- बांसी मार्ग के पुल मार्ग उच्चीकरण के बाद बनेंगे। चंद्रदीप घाट मार्ग के जर्जर पुल शीघ्र ठीक कराए जाएंगे।

सात दशक बाद भी गांव को नहीं मिली पक्की सड़क

सिद्धार्थनगर ; देश को आजाद हुए सात दशक बीत चुके हैं। क्षेत्र की कुछ सड़कें आज भी बदहाल हैं। ऐसा ही हाल भनवापुर विकास खण्ड अंतर्गत बभनी - बिस्कोहर मार्ग से सटे भरौली कैथवलिया व त्रिलोकपुर थाना जाने वाला मार्ग की हैं। आज तक गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं बन पाई है। गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि हर बार चुनाव के समय नेता सड़क बनाने का आश्वासन देते हैं, पर हालत जस के तस बना हुआ है। पक्की सड़क न होने के कारण बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए गांव तक कोई वाहन नहीं आता है। लोगों को दो किमी दूर बभनी - बिस्कोहर मार्ग तक पैदल आना पड़ता है।

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