इलाज के लिए भटक रहे मरीज व तीमारदार

श्रावस्ती कोरोना महामारी के दौर में जिले के सरकारी अस्पतालों में इलाज बंद है। इससे आमजन व बुजुर्ग इलाज के लिए भटक रहे हैं। विवश होकर लोग झोलाछाप या प्राइवेट चिकित्सक की शरण ले रहे हैं। यहां मरीजों का विविध तरीकों से शोषण हो रहा है। सरकारी केंद्रों पर इलाज बंद होने से मरीजों के परिवार के लोग बेहद परेशान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 10:55 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 10:55 PM (IST)
इलाज के लिए भटक रहे मरीज व तीमारदार
इलाज के लिए भटक रहे मरीज व तीमारदार

श्रावस्ती : कोरोना महामारी के दौर में जिले के सरकारी अस्पतालों में इलाज बंद है। इससे आमजन व बुजुर्ग इलाज के लिए भटक रहे हैं। विवश होकर लोग झोलाछाप या प्राइवेट चिकित्सक की शरण ले रहे हैं। यहां मरीजों का विविध तरीकों से शोषण हो रहा है। सरकारी केंद्रों पर इलाज बंद होने से मरीजों के परिवार के लोग बेहद परेशान हैं।

कोरोना महामारी का दूसरा दौर शुरू होते ही प्रशासन ने जिले के अस्पतालों में ओपीडी संचालन रोक दिया। इससे इकौना, गिलौला, सिरसिया समेत जिले के सभी अस्पतालों में जरूरतमंदों को न दवा मिल रही है और न परामर्श। पहले से ही बदहाल स्वास्थ्य सेवा का दंश झेल रहे नागरिकों की उपलब्ध चिकित्सा सेवा भी ठप हो जाने से दिक्कत बढ़ गई है। ऐसे में बुजुर्ग व बीमार इलाज के लिए भटक रहे हैं। झोलाछाप की शरण लेने को मजबूर हैं। यहां कोरोना के नाम पर मरीजों का शोषण किया जा रहा है।

व्यापारी संजीव नैयर कहते हैं कि इस साधनहीन जिले में सरकारी अस्पतालों में ही योग्य चिकित्सक उपलब्ध हैं। यहां दवा नहीं तो बेहतर सुझाव जरूर मिल जाता है। ओपीडी बंद कर सरकार ने बुजुर्गों व मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष महमूद आलम नईमी कहते हैं कि महामारी के दौर में जब चिकित्सक के परामर्श की ज्यादा जरूरत है, तब सरकार ने ओपीडी बंद कर गरीबों को अधर में छोड़ दिया है। व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष मिथिलेश शुक्ला ने कहा कि नगर व ग्रामीण सभी सरकारी केंद्रों पर ओपीडी व टीकाकरण सुविधा शुरू करने की जरूरत है। इससे महामारी के प्रति भय दूर कर लोगों को जागरूक करना आसान होगा। इनसेट

शासन के निर्देश पर ओपीडी बंद है। इमरजेंसी व लेबर रूम संचालित हो रहा है। यहां आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की कोशिश रहती है।

-डॉ. आशीष श्रीवास्तव, सीएचसी अधीक्षक, इकौना।

chat bot
आपका साथी