खाद्यान्न की उठान भरपूर, लेकिन गरीबों के मुंह से निवाला दूर

श्रावस्ती : गरीब परिवारों के दोजून की रोटी की गारंटी देने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय खाद्य सु

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 11:12 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 11:12 PM (IST)
खाद्यान्न की उठान भरपूर, लेकिन गरीबों के मुंह से निवाला दूर
खाद्यान्न की उठान भरपूर, लेकिन गरीबों के मुंह से निवाला दूर

श्रावस्ती : गरीब परिवारों के दोजून की रोटी की गारंटी देने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा गारंटी योजना जिले में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। पात्र परिवारों के नाम से राशन की उठान तो भरपूर होती है, लेकिन जिम्मेदारों से साठगांठ कर कोटेदार गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं। विभाग की ओर से कराए जाने वाले सत्यापन में गड़बड़झाला होने से वितरण के समय कोटेदार पात्र परिवारों को भी अपात्र ठहराकर उनके हक के राशन की कालाबाजारी कर लेते हैं।

पांच विकास खंड वाले श्रावस्ती जिले की कुल आबादी लगभग 12 लाख है। यहां आठ लाख 11 हजार 916 लोग सरकारी राशन के लिए पात्र हैं। इनमें से सात लाख 64 हजार 144 पात्र गृहस्थी तथा 52 हजार 22 लाभार्थी अंत्योदय कार्डधारक हैं। इन परिवारों को दो रुपये किलो की दर से गेहूं तथा तीन रुपये किलो की दर से चावल दिए जाने का नियम है। इसके लिए 2754.632 टन गेहूं तथा 1874.938 टन चावल की प्रत्येक माह उठान होती है। सरकारी राशन की दुकानों पर प्रत्येक माह छह से नौ तारीख के बीच खाद्यान्न तथा 12 से 19 तारीख के बीच मिट्टी का तेल वितरण करना होता है। यह प्रक्रिया और रोस्टर कागजों में चल रहा है। गोदाम से उठान के बाद खाद्यान्न वितरण कोटेदार की मर्जी पर होता है। पात्रता सूची में अपात्रों की भरमार है तो बड़ी संख्या में पात्रजन सूची से गायब हैं। कोटेदार तय मानक से कम खाद्यान्न देने के लिए अपने स्तर से खेल कर रहे हैं। पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों को नाम में मामूली कमी अथवा कोई अन्य त्रुटि बता कर राशन देने से मना कर दिया जाता है। पीड़ित शिकायत के लिए अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगाते रहते हैं। तब तक महीना बीत चुका होता है। राशन कार्डो के सत्यापन का काम खंड विकास अधिकारी को करवाना होता है। बीडीओ यह जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारी को सौंपते हैं। ग्राम प्रधान अपने वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए पात्रजनों की सत्यापित सूची तैयार करवाकर भेज देते हैं। दोजून के भोजन की गारंटी देने वाली यह योजना भ्रष्टाचार के मकड़जाल में उलझी हुई है। आम आदमी अपने हिस्से का राशन पाने के लिए पटल-दर-पटल शिकायत करता फिर रहा है तो कोटेदार मालामाल हो रहे हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

जिलापूर्ति अधिकारी क्यामुद्दीन ने बताया कि पात्र परिवारों को उनके हिस्से का खाद्यान्न मिल सके, इसके लिए कोटेदारों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। वितरण के समय मामूली कमी दिखाकर कोटेदार पात्र परिवार को वापस न भेज सके, इसके लिए पात्रजनों को अपना आधार कार्ड साथ लेकर जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी यदि कहीं अनियमितता की शिकायत आती है तो जांच करवाकर संबंधित कोटेदार के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है। वितरण की व्यवस्था पारदर्शी रहे, इसकी पूरी कोशिश की जाती है।

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