घट रहा जलस्तर, 18 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
दर्जनों गांव पानी से घिरे राहत एवं बचाव कार्य में जुटा प्रशासन सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए लाउडस्पीकर से कर रहे घोषणा
श्रावस्ती : नेपाल के पहाड़ों के साथ तराई में हुई झमाझम बारिश का पानी राप्ती नदी में आने से नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। जमुनहा क्षेत्र के लगभग 18 गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने से ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए सामान को सहेजने में जुटे हैं। कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंच कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए लाउडस्पीकर से घोषणा की है। बाढ़ के साथ नदी कई स्थानों पर कटान भी कर रही है।
बुधवार की देर रात राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच कर 128.40 पर स्थिर हो गया। रात में जमुनहा तहसील क्षेत्र के सर्रा, भौसावा, मानपुरवा, सीतारामपुरवा, वीरपुर लौकिहा, बरंगा, शिवराजपुर, मोहनपुरवा, भरथा, चमारनपुरवा, धर्मनगर, पोंदला, पोंदली, धोबिहा, शुखरामपुरवा, शमशेरगढ़, जोगिया, लक्ष्मनपुर सेमरहनिया, पिपरहवा, बलुहा, हरिहरपुर करनपुर व भिनगा तहसील क्षेत्र के मजगवा, रेवलिया, बनकटवा, रेहरापुरवा, चहलवा, अशरफनगर, अशरफा, सुल्तान जोत, टिकुइया गांव में बाढ़ का पानी घुस गया। गंगाभगड बेलरी, गजोबरी, भगवानपुर, डोमाई, शिवगढ़ कला, कोकल, भुड़कुलवा, ओरीपुरवा, धर्मनगर, नकहा, मनकापुर, तिलकपुर, हसनापुर, रजगढ़वा, बेलवा समेत कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। राजावीरपुर से गौड़रा व भिनगा-मल्हीपुर मार्ग पर मजगवा गांव के पास समेत क्षेत्र के दर्जनों रास्तों पर बाढ़ का पानी चलने से आवागमन बंद है। जमुनहा क्षेत्र में नदी की उग्र लहरें भगवानपुर गांव के पास तेजी से कटान कर रही हैं। गुरुवार को अमिरका प्रसाद, जगदीश, कमला प्रसाद, दयाशंकर व जलील का मकान नदी की धारा में समाहित हो गया। कटान को देखते हुए गांव के लोग भयभीत हैं। राजस्व निरीक्षक रामधीरज तिवारी ने गांव में पहुंच कर क्षति का आकलन किया। सोनवा थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार शर्मा ने माइक से लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की घोषणा की।
बांध पर मंडराया कटान का खतरा
भिनगा तहसील क्षेत्र में तिलकपुर गांव के पास राप्ती पर बने बांध को नदी तेजी से काट रही है। बांध को कटान से बचाने के लिए प्रशासन की ओर से उपाय किए जा रहे हैं। प्लास्टिक की बोरियों में रोड़े भरकर कटर बनाकर नदी में डाला जा रहा है। बांध कटा तो जिला मुख्यालय से सटे गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच सकता है। तहसीलदार राजकुमार पांडेय मौके पर डटे हैं।
178 गांव बाढ़ प्रभावित
एडीएम योगानंद पांडेय ने बताया कि 18 स्थानों पर बाढ़ चौकी व 26 स्थानों पर बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं। तीनों तहसीलों में कुल 178 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। यहां के नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक तैयारी पूरी कर ली गई है। राहत एवं बचाव के लिए 98 सरकारी नाव व 10 प्राइवेट नाव उपलब्ध है। 89 नाविक व 11 गोताखोर भी हैं। तहसीलवार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु शाला कैंप चिह्नित किया गया है।
पांच स्थानों पर लगे वायरलेस सेट
राप्ती बैराज बीडीओ कार्यालय, बाढ़ चौकी भंगहा, भाकला घाट बाढ़ चौकी कलकलवा, पंचायत भवन जमुनहा व बाढ़ चौकी बहोरवा में वायरलेस लगाए सेट गए हैं। जिले स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। कटान प्रभावित गांवों में निर्वासित व्यक्तियों व परिवारों की सूची मोबाइल नंबर के साथ तैयार कर ली गई है। बाढ़ पीड़ितों में लंच पैकेट बांटे जा रहे हैं।
राप्ती बैराज पर नदी का जलस्तर
सुबह आठ बजे 128.10
दोपहर 12 बजे 128.00
शाम चार बजे 127.95