कहीं झमाझम बारिश तो कहीं छाए रहे बादल
पहाड़ों पर हो रही बारिश से राप्ती का बढ़ रहा जलस्तर तटवर्ती गांवों में मंडराया बाढ़ का खतरा
श्रावस्ती : तराई में शुक्रवार को कहीं झमाझम बारिश हुई तो कहीं आसमान पर बादल छाए रहे। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते सुबह से ही राप्ती का जलस्तर भी बढ़ रहा है। दोपहर 12 बजे राप्ती का जलस्तर 127.20 सेंटीमीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि शाम पांच बजे जलस्तर बढ़कर 127.30 सेमी पहुंच गया। मौसम के बदले मिजाज के चलते अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। किसान धान की रोपाई में जुटे हुए हैं। राप्ती नदी का बढ़ने लगा जलस्तर
पहाड़ों पर रात से शुरू हुई झमाझम बारिश के बाद राप्ती नदी में तेजी से जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। तीव्र रफ्तार से बढ़ रहे जलस्तर से तटवर्ती गांवों के लोगों में बाढ़ को लेकर धुकधुकी बढ़ने लगी है। जून में आई बाढ़ से जमुनहा तहसील के लगभग 20 गांव बाढ़ से निजात भी नहीं पाए कि राप्ती का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। शुक्रवार को राप्ती बैराज पर सुबह आठ बजे राप्ती का जलस्तर 127.15 मापा गया। दोपहर 12 बजे बढ़कर 127.20 सेमी पहुंच गया। शाम पांच बजे यह जल स्तर 127.30 सेमी रिकॉर्ड किया गया। यहां खतरे का निशान 127.70 सेमी है। तटवर्ती गांव जोगिया, शमशेरगढ़, भरथा, लक्ष्मनपुर सेमरहनिया, पोंदला ,पोंदली असरफ नगर, सर्रा, वीरपुर लौकिहा, रमवापुर, दूर्गापुर सहित कई गांव के ग्रामीण बाढ़ को लेकर बेचैन हैं। 24 घंटे संचालित है बाढ़ कंटोल रूम
संभावित बाढ़ को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। डीएम यशु रूस्तगी ने व्यवस्था में लगाए गए नोडल अधिकारियों, बाढ़ चौकी प्रभारियों व कंट्रोल रूम में तैनात अधिकारी व कर्मचारी बेहतर ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसका मोबाइल नंबर 9454417486 है। इस पर बाढ़ संबंधी सूचना दी जा सकती है। इस नंबर पर बाढ़ संबंधी आने वाली सूचनाओं को पंजिका में अपडेट भी किया जाएगा। डीएम ने बताया कि कलेक्ट्रेट सभागार में पूर्व से संचालित कोविड कंट्रोल रूम के साथ ही बाढ़ आपदा कंट्रोल रूम का संचालन जून में ही शुरू कर दिया गया है। कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित रहेगा।