मामूली खर्च में तैयार होगा रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट
वर्षा जल संचयन के लिए सभी को जागरूक होने की जरूरत
श्रावस्ती : शुद्ध पेयजल की उपलब्धता बनाए रखने के लिए धरती का जलस्तर दुरुस्त रखने की जरूरत है। इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट लगाने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए हैं। निजी, व्यावसायिक व सरकारी भवनों में मामूली खर्च से यह प्लांट लगाया जा सकता है। वर्षा जल संचयन के लिए हर किसी को जागरूक होकर इसके लिए पहल करने की जरूरत है।
नगर पालिका परिषद भिनगा में भवन नक्शा के निर्माता महेश कुमार का कहना है कि नए बनने वाले मकानों के नक्शे में रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था अनिवार्य है। मकान के लान या अन्य खाली जगह पर तीन फुट चौड़ा व पांच फुट लंबा रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट की व्यवस्था की जा सकती है। भवन के आकार को देखते हुए इसकी लंबाई व चौड़ाई बढ़ भी सकती है। सभी भवनों में इसकी व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। खुद वर्षा जल का संचयन के लिए आगे आने व नई पीढ़ी को इसके लिए जागरूक कर प्रेरित करने की जरूरत है। रेन वाटर हार्वेस्टिग बनवाने में मात्र पांच से 10 हजार रुपये तक का खर्चा आता है। लाखों, करोड़ों की लागत से भवन बनाने वाले लोगों के लिए यह खर्च अत्यंत मामूली है।
ऐसे तैयार होगा रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट
जल निगम के अवर अभियंता प्रदीप कुमार बताते हैं कि रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट तैयार करने के लिए एक बोरिग, गड्ढा, स्टील चैंबर व पाइप की आवश्यकता होती है। पाइप के सहारे बारिश का पानी छत से गड्ढे में लाया जाएगा। चार वर्ग मीटर के इस गड्ढे को बनाने में कोयला, मौरंग व बजरी का प्रयोग बराबर-बराबर अनुपात में किया जाएगा। इस गड्ढे से बरसात के पानी को पाइप के सहारे स्टील चैंबर तक पहुंचाया जाएगा। यह चैंबर पानी की गंदगी छानने के लिए बनाया जाता है। गंदगी छनने के बाद पानी को बोरिग के सहारे धरती में पहुंचाया जाता है।