हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजी तराई

श्रावस्ती सावन के पहले सोमवार पर भोर होते ही शिव मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 10:52 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 10:52 PM (IST)
हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजी तराई
हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजी तराई

श्रावस्ती: सावन के पहले सोमवार पर भोर होते ही शिव मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हर-हर महादेव व बोल बम के जयकारों से मंदिर दिनभर गूंजते रहे। देवाधि देव महादेव के जलाभिषेक के लिए मंदिर के बहार कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए मास्क लगाए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। सोहेलवा जंगल स्थित पांडव कालीन विभूतिनाथ शिव मंदिर में पड़ोसी राष्ट्र नेपाल समेत आसपास के कई जिलों के श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचे। हिमालय की गोद में स्थित पांडव कालीन विभूतिनाथ मंदिर परिसर में रविवार की रात से ही भोलेनाथ के भक्त पहुंचने लगे। भोर में साढ़े तीन बजे जलाभिषेक के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से मंदिर के कपाट खोल दिए गए। भगवान भोले नाथ का अभिषेक करने के लिए आधी रात से ही श्रद्धालु मास्क लगाकर व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कतारबद्ध हो गए थे। कपाट खुलते ही मंदिर परिसर हर-हर महादेव व बोल बम के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, पुष्प, अक्षत, शहद, भांग, धतूर, दूध व पार्वती कुंड से लाए गए जल से देवाधि देव का जलाभिषेक किया। मंदिर परिसर में सुरक्षा के लिए महिलाओं व पुरुषों की अलग-अलग कतार लगाई गई थी। शिव आराधना के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के अलावा बलरामपुर, बहराइच व गोंडा के शिव भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंचे। मंदिर के महंत शिवनाथ गिरि ने बताया कि सावन के पहले सोमवार पर विभूतिनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहले से तैयारी पूरी की गई थी। कोविड प्रोटोकाल न टूटे, इसके लिए स्वयंसेवकों को लगाया गया था। एसपी अरविद कुमार मौर्य, एएसपी बीसी दूबे व सीओ हौसिला प्रसाद ने पुलिस टीम के साथ मंदिर पहुंच कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इसी प्रकार गिलौला के सदाशिव मंदिर, श्रावस्ती स्थित बनीनाथ महादेव मंदिर, इकौना के बड़ा शिवाला, भिनगा के राजर्षि काली मंदिर स्थित शिव मंदिर, मुंडा शिवाला, पटना खरगौरा के पोखरा धाम शिव मंदिर समेत जिले के अन्य शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। देर शाम तक जलाभिषेक होता रहा।

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