अस्पताल में पतले कंबल से रात गुजार रहे मरीज

श्रावस्ती : ठिठुरन भरी सर्द रातों में जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज और उनके तीमारदार ठंड

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Dec 2018 11:59 PM (IST) Updated:Tue, 18 Dec 2018 11:59 PM (IST)
अस्पताल में पतले कंबल से रात गुजार रहे मरीज
अस्पताल में पतले कंबल से रात गुजार रहे मरीज

श्रावस्ती : ठिठुरन भरी सर्द रातों में जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज और उनके तीमारदार ठंड से कंपकंपा रहे हैं। प्रसूताएं, नवजात शिशु, कुपोषित बच्चे और सामान्य मरीज हर कोई पतला कपड़ा ओढ़कर रात गुजारने को विवश हैं। रात का पारा घट रहा है। ऐसे में मरीजों को ठंड से बचाने के कोई इंतजाम अब तक नहीं नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों को सर्दी से बचाने के जो इंतजाम किए गए हैं, वह नाकाफी हैं। यह सच उस वक्त उजागर हुआ जब दैनिक जागरण की टीम सोमवार की रात 8.30 बजे जिला अस्पताल पहुंची। जागरण टीम ने पाया कि समूचे अस्पताल परिसर में तीमारदारों के लिए अलाव के कोई इंजताम नहीं किए गए हैं।

सामान्य वार्ड व महिला वार्ड में भर्ती मरीज अस्पताल प्रशासन द्वारा दिए गए पतले कंबल को ओढ़ने के बाद भी ठिठुरने को विवश हैं। ऐसे में मरीज अपने घरों से रजाई और कंबल मंगाकर काम चला रहे हैं या फिर ठिठुरते हुए रात गुजारने को विवश हैं। तीमारदार कुसुमा ने बताया कि वह अपनी बहू को लेकर आई हैं। मरीज को ओढ़ने के लिए जो कंबल दिया गया है, उससे ठंड दूर नहीं हो रही है। सावित्री और फूलवती का कहना है कि मरीज की देखभाल रखने के लिए यहां रुकना जरूरी है। इन सर्द रातों में यदि अलाव के इंतजाम होते तो कुछ राहत मिल जाती। लेबर वार्ड की ओर से प्रवेश करते ही भीतर बरामदे में फर्श व कुíसयों पर चादर-कंबल ओढ़ कर तीमारदार लेटे नजर आए। जिले में कुपोषण का ग्राफ भले ऊंचा हो, लेकिन अस्पताल के पोषण एवं पुनर्वास वार्ड में भी मात्र दो बच्चे ही भर्ती मिले। इस वार्ड में भी हीटर या वार्मर नजर नहीं आया। डायरिया-निमोनिया वार्ड में एक भी बच्चा भर्ती नहीं पाया गया। इमरजेंसी वार्ड में भीड़ सबसे अधिक देखी गई। यहां भी ठंड से बचाव की स्थिति अन्य वार्डो जैसी ही थी। अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन भवन के सामने बांस-बल्ली जलाकर मजदूरों के साथ कुछ तीमारदार भी अलाव तापते नजर आए।

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