लाल निशान से 40 सेमी ऊपर बह रही राप्ती, तटबंध क्षतिग्रस्त
एसडीएम ने किया निरीक्षण पचास गांवों पर मंडराया बाढ़ का खतरा
जासं, श्रावस्ती: नेपाल के पहाड़ों व तराई में लगातार हो रही बारिश से राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्तर खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर पहुंच गया है। राप्ती बैराज के पास खतरे का निशान 127.70 सेमी है। लाल निशान को पार कर राप्ती नदी जलस्तर 128.15 तक पहुंच गया है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। 50 गांवों के बाढ़ से घिरने की संभावना तेज होती जा रही है। गुरूवार की रात से शुरू हुई झमाझम बारिश सुबह तक होती रही। शहर से लेकर गांव तक रास्ते जलमग्न हो गए हैं। भिनगा-लक्ष्मनपुर मार्ग पर रेहली डिप पर पानी चल रहा है। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है।
इकौना ब्लॉक के अंधरपुरवा के पास राप्ती नदी पर बनाया गया तटबंध बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया है। लगभग एक दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। शुक्रवार को एसडीएम राजेश मिश्र ने तटबंध का निरीक्षण किया। अंधरपुरवा पुल के पास आसपास के गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए राप्ती नदी पर दो हजार 200 मीटर लंबा तटबंध बनाया गया है। अंधरपुरवा से लालपुर खदरा की ओर तटबंध बरसात के पानी से क्षतिग्रस्त हो गया है। तटबंध कटा तो लालपुर खदरा, इटवरिया, भभरी भगवानपुर समेत एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। एसडीएम ने बताया कि क्षतिग्रस्त तटबंध की तत्काल मरम्मत कराने की रिपोर्ट भेजी गई है। सिचाई विभाग को मरम्मत के लिए निर्देश भी दिया गया है। मनिकौरा के लौकिहा गांव के पास राप्ती की कटान तेज हो गई है। तकरीबन 50 बीघे खेत नदी में कटकर समाहित हो गया है। अब तक तकरीबन दो सौ बीघे खेत को राप्ती लील चुकी है। राप्ती बैराज पर नदी का जलस्तर सुबह सात बजे 128.10, दोपहर 12 बजे 128.15, दोपहर तीन बजे 128.15 सेमी पर बह रहा था। यहां खतरे का निशान 127.70 सेमी है। जमुनहा ब्लॉक के हसनापुर, मनोहरापुर, भरथा, चमारनपुरवा, वीरपुर लौकिहा, पिपरहवा आदि गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। मधवापुर पुल से राप्ती सिर्फ सौ मीटर दूर ही रह गई है। बाढ़ की तैयारियों को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है।