गुरु की महिमा से हासिल किया मुकाम
श्रावस्ती प्रतिभा के अंकुल को अपने समर्पण से सींच कर जो पल्लवित-पोषित करता है ऐसे गुरु के ि
श्रावस्ती : प्रतिभा के अंकुल को अपने समर्पण से सींच कर जो पल्लवित-पोषित करता है, ऐसे गुरु के लिए हर शिष्य के मन में गोविद का भाव होता है। कच्ची मिट्टी को गढ़कर आकार देने वाले गुरु को भी खुशी मिलती है जब उसका शिष्य पढ़-लिखकर उससे भी आगे निकल जाता है। गुरुपूर्णिमा पर ऐसे शिष्यों से उनके गुरु की कहानी जानने के लिए दैनिक जागरण ने कोशिश की, जिनकी बदौलत आज वे एक मुकाम हासिल कर समाज में अपना योगदान दे रहे हैं। किसान इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राम राखन त्रिपाठी अपने गुरु नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य उदयराज शुक्ल का सुबह पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण कर आज वह इस काबिल बने की अब शिक्षा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। प्रधान शिक्षक डॉ. हरीश कुमार उच्च प्राथमिक विद्यालय हरवंशपुर में कार्यरत हैं। यह बस्ती के रहने वाले हैं। वे कहते हैं कि जो कुछ आज मैं हूं वह अपने गुरु डॉ. एनसी तिवारी संत भीखा दास पीजी कॉलेज के प्राचार्य के बदौलत हूं। पीएचसी परेवपुर के अधीक्षक डॉ. प्रहलाद मिश्र अपने कामयाबी का पूरा श्रेय अपने गुरु डॉ. यससी तिवारी पूर्व विभागाध्यक्ष केजीएमसी मानसिक रोग विभाग को देते हैं। उनकी सराहना करते हुए वे कभी थकते नहीं हैं। कहते हैं कि आज भी वे अपने गुरु द्वारा दिए हुए मार्गदर्शन को हमेशा याद रखते हैं। इलाहाबाद बैंक शाखा गिलौला के प्रबंधक प्रदीप गुप्ता जवाहर नवोदय विद्यालय बहराइच में शिक्षा प्राप्त की। वे कहते हैं कि गोकुलानंद देव लाल जो कि इंटरमीडिएट में गणित के शिक्षक थे। उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर उन्होंने यह पद प्राप्त किया है। यादगार पल को याद करके कहते हैं कि इंटरमीडिएट की प्री बोर्ड में जब कम अंक आए तो गुरु ने उन्हें अकेले में बुलाकर डांटते हुए समझाया तुम जैसे मेहनती बच्चे के लिए यह अंक बहुत ही कम है, इसके लिए अधिक मेहनत और मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है, जिसका अनुसरण कर हमने मेहनत किया और इंटर में बोर्ड परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त किया। इसी की बदौलत आज हम शाखा प्रबंधक के रूप में पदस्थापित हैं।