प्रेम की पाठशाला में पठन-पाठन सरल बना सीख रहे शिक्षक
अशिक्षा व पिछड़ेपन का दंश झेल रही तराई में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं।
श्रावस्ती: अशिक्षा व पिछड़ेपन का दंश झेल रही तराई में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं। संपूर्ण विश्व को अहिसा का पाठ पढ़ाने वाली भगवान बुद्ध की धरती के शिक्षक प्रेम कुमार वर्मा ने प्रदेश भर के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए ऑनलाइन पाठशाला की शुरुआत की है। इसमें पठन- पाठन को सरल बनाने का गुर सिखा कर आदर्श पाठ योजना तैयार करवाई जा रही है।
कोरोना संक्रमण के चलते घोषित लॉकडाउन में स्कूल बंद हुए तो जमुनहा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यायल बैजनाथपुर के शिक्षक प्रेम कुमार वर्मा ने अपनी संस्था मिशन अभ्युदय के बैनर तले आदर्श पाठ योजना निर्माण के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण करवाने का मन बनाया। यूपीएसआरजी की टीम ने इसमें स्वेच्छा से सहयोग देने का भरोसा दिया। प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया। बेसिक शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक अब्दुल मुबीन ने सहर्ष स्वीकृति देते हुए पहले चरण की कार्यशाला में स्वयं शामिल होने की सहमति दी। प्रशिक्षण के इच्छुक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए। इस कार्य में यूपीएसआरजी अलीगढ़ के संजीव कुमार शर्मा ने भी आगे बढ़कर प्रयास किया। टीम के तौर पर उन्नाव की डॉ. रचना सिंह, बरेली के डॉ. अनिल चौबे, गौतमबुद्ध नगर के अशोक कुमार व अलीगढ़ की अनुज कुमारी का भरपूर सहयोग मिला। 250 शिक्षकों के वाट्सएप ग्रुप में दो चरणों में 352 शिक्षकों का प्रशिक्षण हो चुका है। तीसरे चरण की तैयारी की जा रही है। सात दिन की होती है कार्यशाला
शिक्षक प्रेम ने बताया कि कार्यशाला सात दिनों की होती है। इसमें प्रभावशाली शिक्षण के लिए शिक्षण से पहले, शिक्षण के दौरान व शिक्षण के बाद क्या करना है इसकी योजना तैयार की जाती है। पहले व आखिरी दिन वेबीनार के माध्यम से शिक्षकों से जुड़कर चर्चा होती है। मिला सम्मान, बढ़ा कद
बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से एचसीएल फाउंडेशन के सहयोग से राज्य स्तर पर ओपेन एजुकेशनल रिसोर्स के संबंध में सेंट्रल रिव्यू टीम का गठन किया गया है। राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान के निदेशक ललिता प्रदीप की अध्यक्षता में गठित टीम में कुल 23 लोग शामिल हैं। इनमें नौ शिक्षक हैं। श्रावस्ती के शिक्षक प्रेम कुमार को भी इस सूची में स्थान मिला है।