एक माह में 97 किसानों के 421 बीघे खेत नदी में समाए

ग्राम पंचायत रघुनाथपुर के पास जमुनहा व भिनगा तहसील की सीमाएं मिलती हैं। जमुनहा तहसील के राजस्व ग्राम रघुनाथपुर भवानीनगर व भिनगा तहसील के मनकापुर गांव में राप्ती नदी अपनी धारा बदल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:52 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:52 PM (IST)
एक माह में 97 किसानों के 421 बीघे खेत नदी में समाए
एक माह में 97 किसानों के 421 बीघे खेत नदी में समाए

प्रमोद मिश्रा, जमुनहा (श्रावस्ती)

राप्ती नदी इन दिनों कहर बरपा रही है। क्रूर लहरें कृषि योग्य भूमि को तेजी से लील रही हैं। गिलौला ब्लाक क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के पास दो तहसीलों की सीमा पर एक माह में 97 किसानों की 421 बीघे कृषि योग्य भूमि नदी की धारा में समाहित हो चुके हैं।

ग्राम पंचायत रघुनाथपुर के पास जमुनहा व भिनगा तहसील की सीमाएं मिलती हैं। जमुनहा तहसील के राजस्व ग्राम रघुनाथपुर, भवानीनगर व भिनगा तहसील के मनकापुर गांव में राप्ती नदी अपनी धारा बदल रही है। इसके चलते मनिकापुर क्षेत्र में नदी कहर बरपा रही है। कृषि योग्य भूमि तेजी से नदी की धारा में समाहित हो रही है। पुर्खों से विरासत में मिली जमीन पर खेती कर हंसी-खुशी परिवार का भरण-पोषण करने वाले किसान चितित हैं। अब परिवार का पेट कैसे भरेंगे यह सवाल किसानों को बेचैन कर रहा है। लगभग एक माह में रघुनाथपुर, शंकरपुर, रेहारपुरवा, मनकापुर, ककंधू, दुगहरा, परसिया, नेवरिया, रामगढ़ी, नीबाभारी, भवानीनगर समेत अन्य गांवों के 97 किसानों की 421 बीघा खेती नदी की धारा में विलीन हो चुकी है। तेजी से कटान करते हुए नदी आगे बढ़ रही है। किसान विवश होकर नम आंखों से अपने बर्बादी की कहानी देख रहे हैं। जिम्मेदार कटान रोकने के लिए कोई प्रयास करते नहीं दिख रहे हैं। मनिकापुर के लेखपाल मंगली प्रसाद वर्मा ने बताया कि अभी उन्हें क्षेत्र का नया चार्ज मिला है। अभी पूरे क्षेत्र की जानकारी नहीं है। मौके पर अवश्य जाऊंगा। इनसेट

यह किसान हुए प्रभावित : रघुनाथपुर के रमेश, सुरेश, दिनेश, प्रमोद, अरुण, सावित्री देवी, उमेश, राजेश, रानी, केशव, श्यामलाल, मिश्रीलाल, पृथ्वीराज, फेरन, कैलाश, दाताराम, भुसू, राजे, मन्नीराम, ननकू, जगराम, परसराम, लंकेश, अनीश, दुलारा, दुखी, सूरत, ननकू, वृक्षराम, संतोष, रामकुमार, शिवकुमार, सुंदर, जिलेदार, अलखराम, बुधराम, बाउर, सुंदर, कृपाराम, सुकई, मेढ़ी, मनोज, वीरेंद्र, जनकदुलारी समेत अन्य किसानों के खेत नदी की धारा में समाहित हो चुके हैं।

भूमिहीन हुए ये किसान : रघुनाथपुर निवासी चंद्रिका, सोना देवी, रमेश कुमार, दिनेश कुमार, सुरेश, प्रमोद, अरुण, सावित्री देवी, केशव, कृपाराम, कुंती, रानी देवी, सुंदर, सूरत, शिवटे, सुमन देवी, जनक दुलारी, श्यामकली, सुकई, मिहीलाल, मनोज, दुखीराम, रामसूरत, दुलारा देवी का खेत नदी में समाहित होने के बाद भूमिहीन हो गए हैं।

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