फादर्स डे::मेरे लिए खुशियां लाते हैं मेरे पापा..

बच्चा कितनी भी शैतानी करें लेकिन पिता की डाट में भी उनका बहुत प्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:58 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:58 PM (IST)
फादर्स डे::मेरे लिए खुशियां लाते हैं मेरे पापा..
फादर्स डे::मेरे लिए खुशियां लाते हैं मेरे पापा..

जागरण संवाददाता, शामली: बच्चा कितनी भी शैतानी करें, लेकिन पिता की डाट में भी उनका बहुत प्यार होता है, बच्चों को पिता की वही डाट कामयाब कर देती है। उस डाट के कारण ही मंजिल पाने का हौसला मिलता है। उस स्नेह से ही हम कामयाब हो पाते हैं। फादर्स डे के मौके पर कुछ छात्र-छात्राओं ने अपने पिता के लिए कुछ कविताएं लिखी हैं।

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कविता : 1

हंसते हैं, हंसाते हैं मेरे पापा, मेरे लिए खुशियां लाते हैं मेरे पापा।

जब मैं रूठ जाती हूं, तो मनाते हैं मेरे पापा।

गुड़िया हूं, मैं पापा की, और मेरे सबसे प्यारे दोस्त हैं पापा।

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- नंदिनी संगल

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कविता 2:

मुझे ना महसूस हुई तमन्ना कभी रब को देखने की,

मुझे मालूम है,रब मेरे पिता जैसे ही दिखते होंगे।

पापा जब भी मांगते होंगे,अपनी दुआओं में मेरी खुशी,

रब मेरी तकदीर में, वो हर खुशी लिखते होंगे।

-अक्षी शर्मा

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कविता 3:

मंजिल दूर और सफ़र बहुत है,

छोटी सी जिदगी की फिकर बहुत है,

मार डालती ये दुनिया कब की हमें,

लेकिन पापा के प्यार में असर बहुत है !

-आयुषी राणा

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कविता 4:

मेरे प्यारे प्यारे पापा, मेरे दिल में रहते पापा।

मेरी छोटी सी खुशी के लिए, सब कुछ सह जाते हैं पापा।

पूरी करते हर मेरी इच्छा, उनके जैसा नहीं कोई अच्छा,

मम्मी मेरी जब भी डांटे, मुझे दुलारते मेरे पापा। मेरे प्यारे प्यारे पापा!

-खुशी सैनी

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मेरा बचपन जिनसे सुहाना है, जिनके लिया मेरा सपना ही उनका •ामाना है।

दुनिया की हर ची•ा मेरे लिए है सस्ती, ऐसे मेरे पापा हैं मेरी जान मेरी हस्ती।

-दानी शर्मा

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जिनके बिना अधूरी है, मेरी जिदगी की दास्ता

एक ऐसा नाम है वो, हर कड़ी धूप में मेरी छांव है वो

उस खुदा के बदले, जिन्हें मैंने पाया है, वो और कोई नहीं मेरे पापा हैं

हर परिस्थिति में ढलते देखे हैं, हर मुश्किल से लड़ते देखा है।

मैंने अपने पापा को हंसते देखा है।

-सिमरन गांधी

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