कैल्शियम और आयरन की कमी न होने दें महिलाएं, रखें ध्यान
महिलाएं परिवार के खानपान और स्वास्थ्य के प्रति चितित रहती हैं लेकिन अपना अच्छे से ध्यान नहीं रखती हैं इसी कारण उनमें आयरन और कैल्शियम की कमी सामने आती है। चिकित्सकों का कहना है कि महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और गंभीर होने की आवश्यकता है।
शामली, जेएनएन। महिलाएं परिवार के खानपान और स्वास्थ्य के प्रति चितित रहती हैं, लेकिन अपना अच्छे से ध्यान नहीं रखती हैं, इसी कारण उनमें आयरन और कैल्शियम की कमी सामने आती है। चिकित्सकों का कहना है कि महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और गंभीर होने की आवश्यकता है।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलम शुक्ला का कहना है कि ज्यादातर महिलाएं व्यायाम नहीं करती हैं। अब घर के काम में भी शारीरिक श्रम कम हो गया है। मसलन, अब कोई गेहूं भी घर में नहीं पीसता है और कपड़े धोने के लिए मशीन का प्रयोग होने लगा है। महिलाओं के खानपान पर ध्यान न देने के कारण कैल्शियम और आयरन की कमी होती है। अधिकांश महिलाओं की जांच होती है तो यह कम ही पाया जाता है। साथ ही दिनचर्या ठीक न होना और व्यायाम की कमी से एसट्रॉजन हार्मोन की कमी हो जाती है। इससे मासिक धर्म में अनियमिताएं आती हैं। इस तरह की शिकायतें बहुत अधिक हैं। अगर इसका उपचार समय से न हो तो बच्चेदानी के भीतर या बाहर रसोली बनने की आशंका भी रहती है। इसके अलावा स्तन कैंसर का भी खतरा होता है। विश्व में महिलाओं में सबसे अधिक स्तन कैंसर ही होता है। आयरन की कमी से एनीमिया बीमारी होती है। कमजोरी महसूस होती है। सांस अधिक फूलता है और पीलिया भी हो सकता है। कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होती हैं, जिससे कमर, घुटने आदि में दर्द की शिकायत होती है। महिलाओं को प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए। हरी सब्जियों और मौसमी फलों का प्रयोग अधिक करें। विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए रोजाना दस-15 मिनट सुबह के वक्त धूप में बैठें। फास्ट फूड, तला-भुने खाने का सेवन कम करें। कैल्शियम, आयरन की कमी से गर्भावस्था में भी दिक्कत होने की आशंका होती हैं।
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साफ-सफाई का रखें ध्यान
जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. शाहिस्ता नाज ने बताया कि महिलाएं परिवार के सभी लोगों के सबसे करीब होती हैं। अपना ख्याल तो रखे हीं, साथ ही बुजुर्गों और बच्चों पर भी ध्यान दें। कोरोना का प्रकोप है तो साफ-सफाई के बारे में सभी को समझाएं। कब हाथ धोने हैं, कैसे हाथ धोने हैं आदि। मासिक धर्म में महिलाओं को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे कोई अंदरूनी रोग न हो। डॉ. नीलम शुक्ला ने बताया कि सेनेटरी पैड को छह से आठ घंटे में बदल देना चाहिए। ऐसा न करने पर इंफेंक्शन की आशंका होती है। पैड को डिब्बा बंद डस्टबीन में ही डालें।