रात में बारिश के साथ हवा से धान को नुकसान
जिले में गुरुवार रात बारिश के साथ हवा भी चली। ऐसे में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। फसल खेतों में गिर गई है। साथ ही कटी पड़ी फसल को भी भीगने से नुकसान हुआ है।
शामली, जागरण टीम। जिले में गुरुवार रात बारिश के साथ हवा भी चली। ऐसे में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। फसल खेतों में गिर गई है। साथ ही कटी पड़ी फसल को भी भीगने से नुकसान हुआ है।
गुरुवार शाम से लेकर देर रात तक बारिश हुई थी। मौसम के मिजाज को देखते हुए किसानों को चिता सताने लगी थी, क्योंकि धान की अगेती फसल तैयार हो चुकी है। रात में हवा भी चली तो धान की फसल गिरकर खेतों में बिछ गई है। कृषि वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि गिरी और कटी पड़ी फसल पर अगर और बारिश होती है तो किसानों को और अधिक नुकसान होगा। धान के काला पड़ने और गुणवत्ता प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे धान की बिक्री करने में किसानों को परेशानी होती है। बारिश से सब्जियों की फसलों को भी नुकसान है।
वहीं, किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने मांग उठाई है कि बारिश से फसलों को हुए नुकसान का आंकलन कर मुआवजा दिया जाए। दोपहर में छाए काले बादल
शुक्रवार सुबह हल्के बादल छाए थे और ऐसे में धूप भी हल्की ही थी। लेकिन दोपहर में मौसम में का मिजाज फिर से बदला और काले घने बादल छा गए। मौसम सुहावना बना हुआ है। देर शाम तक भी बादल छाए हुए थे। ऐसे में किसानों को चिता हो रही है। घोषणा पत्र में पहचान पत्र अपलोड करने की अनिवार्यता खत्म
जागरण संवाददाता, शामली: शासन ने गन्ना किसानों को आनलाइन घोषणा पत्र भरने में एक और छूट दी है। पहले खतौनी अपलोड करने की अनिवार्यता को खत्म किया था और अब किसानों को पहचान पत्र अपलोड करने की जरूरत भी नहीं है।
जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह ने बताया कि किसानों के हित में घोषणा पत्र भरने की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है। अब वेबसाइट पर आधार कार्ड या बैंक खाते के अंतिम चार अंक और मोबाइल नंबर डालने पर लागिन हो जाएगा। पहले आइडी अपलोड करने की जरूरत थी। ऐसे में वेबसाइट पर अधिक भार भी हो रहा था और किसानों को भी दिक्कत आ रही थी। 18001213203 टोल फ्री नंबर पर किसान किसी समस्या के लिए फोन कर सकते हैं।