जिले में परिवहन व्यवस्था दुरूस्त कराने को उठाएंगे ठोस कदम: सांसद
जिला लंबे समय से परिवहन सुविधाओं में पिछड़ा हुआ है। करीब 10 साल पूर्व जिला बनने के बाद आस जगी थी कि यहां बसों का संचालन दुरूस्त होगा और रात्रि में भी बसों के लिए बेहतर सुविधाएं रहेंगी लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाला रहा है।
शामली, जागरण टीम। जिला लंबे समय से परिवहन सुविधाओं में पिछड़ा हुआ है। करीब 10 साल पूर्व जिला बनने के बाद आस जगी थी कि यहां बसों का संचालन दुरूस्त होगा और रात्रि में भी बसों के लिए बेहतर सुविधाएं रहेंगी, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाला रहा है। जलालाबाद डिपो का फर्जीवाड़ा सामने आने के बंद कर दिया गया तो वहीं शामली डिपो पर अपनी बस नहीं है। सरकार के साढ़े चार साल पूरा होने की प्रेसवार्ता के दौरान मुद्दा उठा तो अब सरकार के छह माह से पहले सांसद प्रदीप चौधरी एवं प्रभारी मंत्री अजीतपाल सिंह ने जनपदवासियों को भरोसा दिलाया है कि वे इस जनहित की बड़ी समस्या का निदान कराएंगे।
जनपद में रोडवेज डिपो की हालत बेहतर नहीं है। यहां बसों की समस्या है। डिपो पर पर्याप्त स्टाफ न होने से सायं सात बजते ही यहां सन्नाटा पसर जाता है। दिल्ली अड्डे व डिपो के अंदर बसों के पहिये थम जाते हैं। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है। अमीर व्यक्ति अपने निजी वाहन से सफर कर लेते है, लेकिन आम नौकरीपेशा, किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, व्यापारी व छात्र रोडवेज बस सेवा पर निर्भर रहते हैं, लेकिन उन्हें सात बजे के उपरांत दिल्ली-सहारनपुर, मेरठ-करनाल, पानीपत खटीमा मार्ग पर बसों के दर्शन नहीं होते हैं। कभी कभार लंबी दूरी की बसें आ जाती है, लेकिन ये यहां बसों को रोकते ही नहीं है।
रोजाना दिल्ली बस अड्डे के साथ ही शामली सात बजे के उपरांत गुरूद्वारा पर सैकड़ों यात्री डग्गामार वाहनों, ट्रक और निजी किराये के वाहनों में अधिक खर्च अपनी मंजिल तय करते हैं। यह समस्या डेढ दशक से अधिक से लगातार चली आ रही है। रविवार को सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने की प्रेसवार्ता के दौरान इस समस्या के सवाल के जवाब में सांसद प्रदीप चौधरी ने बताया कि परिवहन मंत्री से व्यक्तिगत तौर पर मिल चुके हैं। संपूर्ण समस्या से उन्हें रूबरू कराते हुए यहां सुविधा दिलाने की मांग की गई है। जल्द ही बसों की किल्लत, वर्कशाप और डिपो की समस्या का निदान होगा। इसके लिए वे प्रभारी मंत्री मजबूत कदम उठाते हुए निराकरण कराएंगे।